Move to Jagran APP

उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या की घटनाएं दिल दुखाने वाली : राष्ट्रपति मुर्मु

राष्ट्रपति ने इस मौके पर वर्ष 2019 की रिपोर्ट का हवाला देते बताया कि आइआइटी जैसे शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों में दो वर्षों के दौरान लगभग 2500 छात्रों ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। उन विद्यार्थियों में लगभग आधे आरक्षित वर्गों से थे। इसी तरह आइआइटी में भी करीब 100 छात्रों ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। इनमें भी अधिकांश आरक्षित वर्ग से थे।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Mon, 10 Jul 2023 11:48 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jul 2023 11:48 PM (IST)
शिक्षा मंत्री प्रधान ने संस्थान प्रमुखों से कहा- आपके नेतृत्व में भारत का विश्वगुरु बनना तय

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रों के आत्महत्या करने की घटनाएं विचलित करने वाली और हृदय विदारक हैं। यह पूरे शिक्षा जगत के लिए चिंता का विषय है। सभी संस्थानों को ऐसे छात्रों को समझने और सहारा देने की जरूरत है जो तनाव, अपमान और उपेक्षा जैसी कई तरह की समस्याओं से ग्रसित हैं।

loksabha election banner

राष्ट्रपति ने उच्च शिक्षण संस्थानों को जताई उम्मीद

राष्ट्रपति मुर्मु ने आइआइटी दिल्ली में शनिवार को एक छात्र द्वारा की गई आत्महत्या का भी जिक्र किया और कहा कि ऐसी घटनाएं और भी कई शिक्षण संस्थानों में हुई हैं। इसके साथ ही उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों की क्षमताओं को सराहा और उम्मीद जताई कि वर्ष 2047 तक देश इनकी मदद से ही विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य हासिल करेगा।

राष्ट्रपति मुर्मु सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित दो दिवसीय विजिटर कान्फ्रेंस को संबोधित कर रही थीं। इस दौरान सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपति सहित देश के 162 शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुख भी मौजूद थे। उन्होंने इस मौके पर उच्च शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों से कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों को उनके प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की वजह से ही विश्वस्तरीय प्रतिष्ठा प्राप्त हुई है।

अपमान से ग्रसित छात्रों को समझने और सहारा देने की जरूरत : मुर्मु

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी लर्नर-सेंट्रिक एजुकेशन पर जोर दिया गया है। ऐसे में लर्नर यानी विद्यार्थी ही आपके चिंतन और क्रियाकलाप के केंद्र में होने चाहिए। राष्ट्रपति ने इस मौके पर उच्च शिक्षण संस्थानों का ध्यान ड्रापआउट की समस्या की ओर भी दिलाया। साथ ही संवेदनशीलता के साथ इसका समाधान निकालने पर जोर दिया।

राष्ट्रपति ने दिया रिपोर्ट का हवाला

राष्ट्रपति ने इस मौके पर वर्ष 2019 की रिपोर्ट का हवाला देते बताया कि आइआइटी जैसे शीर्ष उच्च शिक्षण संस्थानों में दो वर्षों के दौरान लगभग 2,500 छात्रों ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। उन विद्यार्थियों में लगभग आधे आरक्षित वर्गों से थे। इसी तरह आइआइटी में भी करीब 100 छात्रों ने बीच में ही पढ़ाई छोड़ दी थी। इनमें भी अधिकांश आरक्षित वर्ग से थे। मुर्मु ने उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा कि वह उच्च शिक्षा के लिए दूर-दराज से आने वाले छात्रों के प्रति संवेदनशील माहौल बनाएं।

भारतीय संस्थानों की श्रेष्ठता दुनिया मानने लगी : धर्मेंद्र प्रधान

दो दिनों तक चलने वाली विजिटर कान्फ्रेंस को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी संबोधित किया और कहा कि आज भारतीय संस्थानों की श्रेष्ठता दुनिया मानने लगी है। आइआइटी जैसे संस्थानों की दुनिया में मांग बढ़ी है। कई विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की भी मांग दुनिया के दूसरे देशों से आ रही है।

उन्होंने संस्थानों के प्रमुखों से कहा कि भारत की नई पीढ़ी के आप मार्गदर्शक हो। आप सभी के नेतृत्व में भारत का विश्वगुरु बनना तय है। यह सब आपकी अगुआई में होगा। ऐसे में आप सबको और अपने संस्थानों को इस लिहाज से तैयार करना चाहिए।

इस मौके पर राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थानों के प्रमुखों को विजिटर पुरस्कार से सम्मानित किया। कान्फ्रेंस में मंगलवार को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल से जुड़े विषयों पर चर्चा होगी, जिसमें संस्थानों के प्रमुख अपनी राय रखेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.