'जल में अमरता है, पर ये सीमित है', राष्ट्रपति मुर्मु की देश से भावुक अपील- पानी को मत करो बर्बाद
राष्ट्रपति मुर्मु ने देशवासियों से जल संरक्षण की अपील करते हुए कहा कि जल में अमरता है, पर यह सीमित है। उन्होंने जल के महत्व को बताते हुए इसे बर्बाद न करने का आग्रह किया, ताकि भविष्य के लिए इसे बचाया जा सके। जल का सदुपयोग करने पर उन्होंने जोर दिया।

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कारों का वितरण करते हुए सभी लोगों और सार्वजनिक संस्थाओं से जल को एक पवित्र और सीमित राष्ट्रीय संसाधन के रूप में मानने की अपील की है।
उन्होंने चेतावनी दी कि भारत अपने सीमित मीठे जल भंडार पर बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है। इसलिए दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सतत प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी आवश्यक है। हजारों साल पहले हमारे पूर्वजों ने ऋग्वेद में कहा था, 'अप्सु अंत: अमृतम्' (जल में अमरता है)। इस बार देशव्यापी जल संरक्षण के क्षेत्र में हरियाणा को तीसरे स्थान पर पुरस्कार मिला जबकि जिलास्तर पर मिर्जापुर को जल संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति मुर्मु ने मंगलवार को कहा,''जल जीवन है। हमें याद रखना चाहिए कि हम एक बहुत मूल्यवान संसाधन का उपयोग कर रहे हैं।''
उन्होंने नागरिकों, संस्थानों और सरकारों से जल को 'पवित्र और सीमित राष्ट्रीय संसाधन' के रूप में मानने की अपील की। मुर्मु ने 'जीवनभर जल प्रबंधन' की अपील याद दिलाते हुए कहा कि भारत की जल धरोहर उसकी सांस्कृतिक पहचान से गहरी जुड़ी है। लोगों और समुदायों को जल का ससम्मान उपयोग करना चाहिए। केवल परिवारों, समाज और सरकार की सामूहिक भागीदारी से ही सतत जल प्रबंधन हासिल किया जा सकता है।
उन्होंने जल चक्र को जलवायु परिवर्तन बाधित कर रहा है, जिससे पहले से ही सीमित जल संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में सरकार और लोगों को मिलकर जल उपलब्धता और जल सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। और भूजल के संरक्षण, वृत्ताकार जल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और उद्योगों में पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि जो परिवार नल का जल समझदारी से उपयोग करते हैं, वे आर्थिक समस्याओं से सुरक्षित रहतेहैं।
विजेता राज्य व जिले
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संरक्षण, नवाचार और कुशल जल उपयोग के लिए 10 श्रेणियों में 46 पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी। महाराष्ट्र ने जल संरक्षण में सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार प्राप्त किया, इसके बाद गुजरात और हरियाणा का स्थान रहा। सर्वश्रेष्ठ जिला पुरस्कार राजनांदगांव (छत्तीसगढ़), खरगोन (मध्य प्रदेश), मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश), तिरुनेलवेली (तमिलनाडु) और सिपाहीजाला (त्रिपुरा) को दिया गया, जो अपने-अपने क्षेत्रों में शीर्ष पर रहे।
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इनपुट- पीटीआई

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