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    'न्यायिक सेवा में रुचि रखने वाले छात्रों को मिले मौका', राष्ट्रपति मुर्मु ने IIT-IIM जैसे शिक्षण संस्थानों को लेकर कही ये बात

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Sun, 26 Nov 2023 04:33 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित हुए एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिरकत की। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि न्याय की मांग करने वाले नागरिकों के लिए लागत और भाषा एक बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि न्याय तक पहुंचने के लिए पूरी प्रणाली को नागरिक-केंद्रित बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा न्याय तक पहुंचने के लिए पूरी प्रणाली को नागरिक-केंद्रित बनाने की आवश्यकता है।

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    न्यायिक सेवा में रुचि रखने वाले छात्रों को मिले मौका- राष्ट्रपति मुर्मु (फोटो: President of India)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित हुए एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बात की।

    भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित संविधान दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि न्याय की मांग करने वाले नागरिकों के लिए लागत और भाषा एक बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि न्याय तक पहुंचने के लिए पूरी प्रणाली को नागरिक-केंद्रित बनाने की आवश्यकता है।

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    प्रतिभाशाली युवाओं का चयन जरूरी- मुर्मु

    राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि एक अखिल भारतीय न्यायिक सेवा हो, जो प्रतिभाशाली युवाओं का चयन करे और निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक अपनी प्रतिभा को बढ़ावा दे सकती है। राष्ट्रपति ने कहा कि जो लोग न्यायिक सेवा करने की इच्छा रखते हैं, उन्हें प्रतिभा का बड़ा पूल बनाने के लिए देश भर से चुना जा सकता है।

    'प्रतिभाशाली बच्चों को मिलना चाहिए न्यायपालिका में प्रवेश'

    राष्ट्रपति ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी प्रणाली कम प्रतिनिधित्व वाले सामाजिक समूहों को भी अवसर प्रदान कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रतिभाशाली बच्चों को न्यायपालिका में आसानी से प्रवेश सुनिश्चित करने के लिए और अधिक प्रयास होने चाहिए।

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    राष्ट्रपति ने किया छात्रों से बातचीत का जिक्र

    द्रौपदी मुर्मु ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद मुझे कई केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम सहित अन्य संस्थानों का दौरा करने का मौका मिला। मैं बहुत भाग्यशाली हूं क्योंकि मैं वहां के बच्चों के साथ बातचीत करती हूं। वे बहुत प्रतिभाशाली हैं। मैं कभी-कभी उनसे पूछती हूं कि वे क्या बनना चाहते हैं। कुछ कहते हैं आईएएस, आईपीएस और अन्य कहते हैं कि वे न्यायपालिका में जाना चाहते हैं। कुछ करने की जरूरत है ताकि वे न्यायपालिका में आसानी से आ सकें।

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