पराली भंडारण केंद्र बनाने की तैयारी, किसानों को मिलेगी कीमत, राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की 11 को बैठक
इस बैठक में किसानों के लिए पराली की समस्या से निपटने के लिए तैयार की गई योजना पर चर्चा की जाएगी। साथ ही इसके प्रभावी अमल को लेकर सहयोग मांगा जाएगा। किसानों को इसे लेकर सब्सिडी मुहैया कराने की तैयारी है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पराली के जलने से दिल्ली और एनसीआर के लोगों की फिर से सांस फूले इससे पहले केंद्र वह सारे जरूरी बंदोबस्त करने में जुटा है जिससे पराली बिल्कुल भी न जले। इसके तहत पराली को जलाने की जगह किसानों को अब दो विकल्पों में से कोई एक चुनना होगा। पहला पराली को खेत में ही नष्ट करना और दूसरा पराली को बेच कर कुछ आमदनी करना।
11 अक्टूबर को बुलाई गई बैठक
इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है। साथ ही इस प्रभावी अमल के लिए दिल्ली, पंजाब सहित दिल्ली-एनसीआर से सटे पांच राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की एक बैठक 11 अक्टूबर को बुलाई गई है। इसमें इन विकल्पों पर विस्तृत चर्चा होगी। पर्यावरण मंत्रालय ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय को भी सुझाव दिया है, कि वह राज्यों के कृषि मंत्रियों की भी एक बैठक बुलाए। इसमें केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री को भी शामिल किया जाए। माना जा रहा है कि यह बैठक भी इसी महीने कभी भी हो सकती है।
पराली की समस्या से निपटने के लिए होगी चर्चा
इस बैठक में किसानों के लिए पराली की समस्या से निपटने के लिए तैयार की गई योजना पर चर्चा की जाएगी। साथ ही इसके प्रभावी अमल को लेकर सहयोग मांगा जाएगा। फिलहाल वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने जो प्लान तैयार किया है उनमें पहला प्लान खेतों में ही पराली को नष्ट करने के लिए तैयार किए खास बायो-डीकंपोजर के इस्तेमाल को बढ़ावा देने को लेकर है, जिसके छिड़काव से करीब दस दिन में ही पराली नष्ट हो जाती है और खेत बुआई के लिए तैयार हो जाता है।
मशीनरी मुहैया कराने की योजना
किसानों को इसे लेकर सब्सिडी मुहैया कराने की तैयारी है। इसके साथ ही उन्हें ऐसी मशीनरी मुहैया कराने की भी योजना है, जिसमें फसल की कटाई ऐसी की जाए कि उसमें पराली बचे ही न। मंत्रालय का मानना है कि यदि कोई किसान इससे बचना चाहता है और पराली से पैसा कमाना चाहता है, तो वह पराली को संग्रहित करके बेच सकेगा। मंत्रालय इसके लिए सभी राज्यों में तहसील और जिला मुख्यालय स्तर पर पराली भंडारण केंद्र भी बनाने जा रही है।
इसकी क्या कीमत होगी यह जल्द ही तय हो जाएगा। पराली से जल्द ही पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों में थर्मल पावर प्लांट की मदद से या फिर निजी एजेंसियां की मदद से बोर्ड तैयार किए जाएंगे।
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