बंगाल में SIR पर सियासी हलचल तेज, EC ऑफिस पहुंचे TMC सांसद; उठाए कई सारे सवाल
मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर टीएमसी सांसदों ने चुनाव आयोग से मुलाकात की और अपनी आपत्तियां दर्ज कराईं। उन्होंने सवाल उठाया कि एसआईआर केवल बंगाल में ही क्यों हो रहा है, अन्य सीमावर्ती राज्यों में क्यों नहीं। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि एसआईआर सभी राज्यों में लागू होगा। टीएमसी ने बीएलओ और आम लोगों की मौतों का मुद्दा भी उठाया, जिस पर आयोग ने जांच का आश्वासन दिया।
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बंगाल में SIR पर सियासी हलचल तेज EC ऑफिस पहुंचे TMC सांसद (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण ( SIR ) पर मचे सियासी घमासान के बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसदों ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की। साथ ही एसआईआर को लेकर अपनी आपत्तियों को जोरदार तरीके से दर्ज कराया है।
टीएमसी सांसदों का कहना था कि ' यदि एसआईआर का मकसद नकली वोटरों और घुसपैठियों का पता लगाना है तो फिर बंगाल ही क्यों। मेघालय और त्रिपुरा में क्यों नहीं। जबकि इन राज्यों की सीमाएं भी बांग्लादेश से मिलती है।'
चुनाव आयोग ने किया स्पष्ट
हालांकि टीएमसी सांसदों को सुनने के बाद आयोग ने स्पष्ट किया कि एसआईआर सभी राज्यों में होना है। जो बचे है, उनमें भी जल्द होगा। आयोग से मिलने पहुंचे टीएमसी के 10 सांसदों में से डेरेक ओब्रायन, शताब्दी राय व महुआ मोइत्रा ने ही इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के सामने अपनी बात रखी।
राज्यसभा में टीएमसी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि एसआइआर की संवैधानिक वैधता पर वह सवाल नहीं उठा रहे बल्कि उस तरीके पर सवाल उठा रहे है, जिस तरीके से जल्दबाजी में इसे लागू किया जा रहा है। जिसमें न तो कोई प्लानिंग, न ही कर्मचारियों के साथ कोई संवेदना है।
एसआइआर के लिए उन्होंने और समय बढ़ाने की मांग की। आयोग से मिलने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए डेरेक ने कहा कि पांच बिंदुओं का ज्ञापन सौंपते हुए 40 मिनट तक हमने अपनी बात रखी और इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक घंटे तक अपनी बात कही लेकिन हमारे इन पांच सवालों का कोई जवाब इसमें नहीं मिला।
TMC ने मौतों का मुद्दा उठाया
टीएमसी सांसदों ने बीएलओ और आम लोगों की होने वाली मौत का मुद्दा उठाया। आयोग ने बीएलओ की होने वाली मौतों की जांच कराने का आश्वासन दिया व बताया कि ये घटनाएं अचंभित करनी वाली है क्योंकि ये तब सामने आ रही है, जब एसआइआर का काम लगभग पूरा हो चुका है।
दावा किया कि 74 प्रतिशत गणना फार्म भर कर जमा कराए जा चुके है। गौरतलब है आयोग से मिलने पहुंचे टीएमसी सांसद अपने साथ पार्टी नेता व चुनाव आयोग से चर्चा के लिए पार्टी की ओर से अधिकृत किए गए अभिषेक बनर्जी का पत्र लेकर आए थे। आयोग ने सांसदों की ओर से मुलाकात के लिए मांगे गए समय पर उन्हें 28 नवंबर का समय दिया था लेकिन पार्टी नेता की ओर से अधिकृत किए जाने के बाद ही मिलने का बात कहीं थी।
टीएमसी ने आयोग से किए ये भी सवाल
- एसआईआर के दौरान अमानवीय दबाव व घबराहट में कई बीएलओ व आम लोग मारे गए हैं। क्या आयोग जिम्मेदारी लेगा?
- इन्हीं वोटर्स ने बीजेपी को देश भर में सत्ता में चुना था, क्या बीजेपी अब मानती है कि उनकी अपनी सरकार गैर-कानूनी है?
- आयोग क्यों बांग्ला सहायता केंद्र के स्टाफ को डेटा एंट्री के कामों में मदद करने की इजाजत नहीं दे रहा है?
- बीजेपी नेता दावा कर रहे हैं कि बंगाल में एक करोड़ नाम हटाए जाएंगे। क्या इसका मतलब है कि बीजेपी अब चुनाव आयोग चला रही है?
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