Move to Jagran APP

जानिए मेयर से गुजरात के CM पद तक पहुंचने वाले विजय रुपाणी की पूरी कहानी

भले ही इस बार के गुजरात चुनाव में भी पीएम मोदी ही इसका चेहरा थे लेकिन इसके बाद भी मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी के कार्यों को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 18 Dec 2017 01:29 PM (IST)Updated: Sat, 23 Dec 2017 12:45 PM (IST)
जानिए मेयर से गुजरात के CM पद तक पहुंचने वाले विजय रुपाणी की पूरी कहानी
जानिए मेयर से गुजरात के CM पद तक पहुंचने वाले विजय रुपाणी की पूरी कहानी

नई दिल्‍ली [जेएनएन/ शत्रुघ्न शर्मा]। गुजरात के अगले मुख्यमंत्री के नाम पर बना सस्पेंस खत्म हो गया है। भाजपा ने एक बार फिर राज्य के अगले मुख्यमंत्री के लिए विजय रुपाणी पर ही अपना भरोसा जताया है। विजय रुपाणी मुख्यमंत्री के पद पर बने रहेंगे। आज हुई विधायक दल की बैठक में विजय रुपाणी को नेता चुन लिया गया है। वहीं नितिन पटेल को विधायक दल का उपनेता चुना गया है। नितिन पटेल एक बार फिर राज्य के डिप्टी सीएम के तौर पर अपनी कुर्सी संभालेंगे। भाजपा संसदीय दल की तरफ से गुजरात में पर्यवेक्षक के तौर पर भेजे गए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा की।

loksabha election banner

गुजरात की जनता की आशा व अपेक्षा पर खरा उतरेंगे,जनता के हर सपने को पूरा करके दिखाएंगे। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जाति व संप्रदाय का माहौल बनाया जिसे जनता ने नकार दिया। भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मूलमंत्र सबका साथ सबका विकास की भावना से राज्य की साढे छह करोड जनता के विकास के लिए काम करेगी। गुजरात में भाजपा 27 साल शासन करने का रिकार्ड बनाऐगी, जनता ने 22 साल के शासन के बाद एक बार फिर भारी बहुमत देकर भाजपा को चुना है।-विजय रुपाणी ,मुख्यमंत्री गुजरात
 

भाजपा ने विजय रुपाणी व नितिन पटेल को सत्ता की कमान सौंपकर एक सुरक्षित रास्ता अपनाया है, दोनों नेता  निर्विवादित रहे हैं। विविध आंदोलन व दबाव के बीच पार्टी को मुश्किल दौर सेअपने परिश्रम व अनुभव के बल पर उबारकर लाए हैं। -देवेन्द्र पटेल वरिष्ठ पत्रकार


गुजरात विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से भाजपा ने जीत के साथ दमदार एंट्री ली  भले ही इस बार के चुनाव में भी पीएम नरेंद्र मोदी ही इसका चेहरा थे लेकिन इसके बाद भी मुख्‍यमंत्री विजय रुपाणी के कार्यों को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है। गुजरात में भाजपा लगातार छठी बार सत्‍ता पाने में कामयाब रही है। वहीं अगर पूरे देश के संबंध में देखें तो कांग्रेस की यह लगातार सातवीं हार है। इस चुनाव को जिताने में विजय रुपाणी का भी काफी कुछ दांव पर लगा था। इस बार के चुनाव में विजय रुपाणी ने कांग्रेस के इंद्रनील राजगुरू को हार का स्‍वाद चखाया है।

काफी निचले स्‍तर से की शुरुआत

विजय रुपाणी ने अपनी राजनीति की शुरुआत काफी निचले स्‍तर से शुरू की थी। एबीवीपी के छात्र कार्यकर्ता के रूप में उन्‍होंने अपनी राजनीति की पारी शुरू की थी। इसके बाद वह राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ से जुड़ गए। इमरजेंसी के दौरान रुपाणी भी कई नेताओं की तरह 11 महीने के लिए जेल गए थे। लेकिन समय के साथ-साथ राजनीति पर उनकी पकड़ भी मजबूत होती चली गई।



संघ के रहे प्रचारक

रुपाणी 1978 से 1981 तक वह संघ के प्रचारक भी रहे। लेकिन उनकी राजनीति की पारी का सबसे अहम मोड़ उस वक्‍त आया जब उन्‍होंने 1987 में राजकोट नगर निगम के चुनाव में कार्पोरेटर के तौर पर जीत हासिल की। राजनीति की यह पहली ऐसी सीढ़ी थी जिसपर उन्‍होंने कामयाबी हासिल की थी। इसके बाद वह ड्रेनेज कमेटी के चेयरमैन बने।

कई अहम पदों पर रह चुके हैं रुपाणी

इसके एक वर्ष बाद ही वह राजकोट नगर निगम में स्‍टेंडिंग कमेटी के चेयरमैन बनाए गए। इस पद पर वह 1996 से लेकर 1997 तक रहे। गुजरात भाजपा में उनके लगातार बढ़ते कद को भांपते हुए ही उन्‍हें 1998 में प्रदेश में पार्टी का महासचिव बनाया गया। इस पद के लिए वह चार बार चुने गए। इसके अलावा केशूभाई पटेल ने उन्‍हें मेनिफेस्‍टो कमेटी का चेयरमैन भी बनाया था। 2006 में वह गुजरात ट्यूरिज्‍म के चेयरमैन बने।

राज्यसभा के सदस्‍य रहे

रुपाणी 2006 से लेकर 2012 तक राज्यसभा के भी सदस्‍य रह चुके हैं। 2013 जिस वक्‍त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्‍यमंत्री थे उस वक्‍त उन्‍हें गुजरात म्यूनिसिपल फाइनेंस बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया था। राजनी‍ति पर अच्‍छी पकड़ की बदौलत ही उन्‍हें 19 फरवरी 2016 को प्रदेश भाजपा का अध्‍यक्ष बनाया गया। इसी दौरान भाजपा के आरसी फालदू को कर्नाटक का राजयपाल बनाया गया जिसकी वजह से उन्‍हें राजकोट पश्चिम की सीट से इस्‍तीफा देना पड़ा था। बाद में यहां से चुनाव लड़ने के लिए विजय रुपाणी को अधिकृत किया गया। 19 अक्‍टूबर 2014 को उन्‍होंने बड़े अंतर से कांग्रेस के नेता को हराया था। नवंबर 2014 में आनंदीबेन पटेल की सरकार में भी वह मंत्री बनाए गए थे। उन्‍हें ट्रांसपोर्ट, वाटर सप्‍लाई, लेबर एंड एंप्लाएमेंट विभाग सौंपा गया था।

यह भी पढें: Live Gujarat Election Results 2017: 22 वर्षों बाद भी सत्ता से दूर कांग्रेस, गुजरात में फिर चला ‘मोदी मैजिक’ 

यह भी पढ़ें: Gujarat Election: पिछड़ने के बाद भी गुजरात में कांग्रेस का होगा वर्षों बाद सबसे दमदार प्रदर्शन

यह भी पढें: Gujarat Vidhan Sabha Election Results: राजकोट की चुनावी जंग में जीत की तरफ विजय रुपाणी 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.