गोवा में PM मोदी ने 77 फीट ऊंची भगवान राम की प्रतिमा का किया अनावरण, 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' से है खास कनेक्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा के कनाकोना स्थित श्री संस्थान गोकर्ण पार्टगली जीवोत्तम मठ में 550वें वर्ष समारोह में भाग लिया। उन्होंने मठ में पूजा-अर्चना की और 77 फुट ऊंची भगवान राम की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
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गोवा में PM मोदी ने 77 फुट ऊंची भगवान राम की प्रतिमा का किया अनावरण (फोटो सोर्स- एएनआई)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची 77 फीट की कांस्य मूर्ति का अनावरण किया। यह मूर्ति श्री संस्थान गोकर्ण जीवोत्थम मठ में स्थापित की गई है, जहां इस समय मठ परंपरा के 550 साल पूरे होने पर खास आयोजन चल रहे हैं।
पीएम मोदी ने जिस प्रतिमा का अनावरण किया, उसे मशहूर मूर्तिकार राम सुतार ने बनाया है। यही कलाकार गुजरात में बनी ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के लिए भी जाने जाते हैं। यह राम प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊंची बताई जा रही है।
मठ परंपरा के 550 साल पूरे होने के अवसर पर 27 नवंबर से 7 दिसंबर तक कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, हर दिन 7000 से 10 हजार श्रद्धालुओं के मठ में आने की उम्मीद है।दक्षिण गोवा के कनाकोना स्थित पर्तगल गांव में इस मठ का वर्तमान परिसर करीब 370 साल पहले बनाया गया था।
कर्नाटक के उडुपी में रोडशो और धार्मिक कार्यक्रम
गोवा जाने से पहले पीएम मोदी ने कर्नाटक के उडुपी में रोडशो किया। यहां उन्होंने श्री कृष्ण मठ में ‘लक्ष कंठ गीता पारायण’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया।इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एक लाख से ज्यादा लोगों के साथ भगवद गीता के श्लोकों का पाठ किया। इसमें छात्र, संत, विद्वान और अलग-अलग क्षेत्रों के लोग शामिल हुए।
उडुपी में पीएम ने सुवर्ण तीर्थ मंटप का उद्घाटन किया और कनकदास से जुड़े पवित्र स्थान ‘कनकना किड़ी’ के लिए स्वर्ण आवरण को समर्पित किया।
BJP मॉडल की सराहना
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने उडुपी में जनसंघ और बाद में बीजेपी के अच्छे शासन मॉडल को याद किया। उन्होंने कहा कि 1968 में वीएस आचार्य को उडुपी नगर निगम में चुने जाने के बाद यहां साफ-सफाई और जल निकासी व्यवस्था का एक नया मॉडल बना।
पीएम ने कहा कि आज जब विश्व ने एक लाख लोगों को गीता के श्लोक एक साथ पढ़ते देखा, तो भारत की आध्यात्मिक शक्ति दुनिया के सामने आई।
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