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    जल जीवन मिशन में गड़बड़ी पर पीएम की सख्ती का दिखा असर, लगाया गया 129 करोड़ की जुर्माना

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 10:00 PM (IST)

    जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों पर पीएम मोदी की सख्ती के बाद केंद्र ने राज्यों को कार्रवाई के निर्देश दिए। गुजरात, राजस्थान सहित सात राज्यों ने ठेकेदारों पर 129 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया है। आठ राज्यों में 18 अधिकारियों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं। मिशन के तहत 81% घरों तक पानी पहुंचा है, और इसे 2028 तक बढ़ाया गया है, लेकिन धन आवंटन अब स्कीम आधारित होगा।

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    जल जीवन मिशन पर पीएम मोदी की सख्ती। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हर घर जल पहुंचाने के लिए शुरू किए गए जल जीवन मिशन में गड़बडि़यों पर पीएम मोदी के सख्त रुख के बाद केंद्र की ओर से राज्यों को गड़बडि़यां करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश का असर दिखने लगा है।

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    गुजरात, राजस्थान सहित सात राज्यों ने अपने यहां गड़बड़ियां करने वाले ठेकेदारों पर 129 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया है। साथ ही आठ राज्यों में 18 अधिकारियों के खिलाफ ईडी, लोकायुक्त, सीबीआइ आदि में मामला दर्ज कराया है। इनमें नौ अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज हुई है। साथ ही राजस्थान के पूर्व मंत्री महेश जोशी को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया है।

    अधिकारियों ने क्या बताया?

    जल जीवन मिशन से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान सभी राज्यों से जल जीवन मिशन में मिली गड़बडि़यों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी गई है। अब तक करीब 20 राज्यों की ओर से यह रिपोर्ट मिल गई है, जबकि बाकी राज्यों ने जल्द ही इसकी रिपोर्ट देने को कहा है। यह बात अलग है कि गुजरात, राजस्थान सहित सात राज्यों ने ठेकेदारों पर जो जुर्माना लगाया है, उसमें अब तक करीब 13 करोड़ की ही वसूली हो पायी है।

    गुजरात ने लगाया सबसे ज्यादा जुर्माना

    इस दौरान सबसे अधिक 120 करोड़ का जुर्माना गुजरात ने लगाया है। वहीं गुजरात से ही सबसे अधिक 6.65 करोड़ की वसूली भी हो पायी है। मिशन से जुड़े अधिकारियों से बताया कि अभी जल जीवन मिशन के तहत 81 प्रतिशत घरों तक ही पानी या पानी की पाइपलाइन पहुंच पाया है। ऐसे में अधिकांश राज्यों से इसे पूरा करने के लिए और पैसे की मांग की जा रही है।

    हालांकि मिशन 2024 में ही पूरा हो गया है लेकिन राज्यों की मांग को देखते हुए 2028 तक विस्तार देने का निर्णय लिया गया है। लेकिन गड़बडि़यों को देखते हुए सभी राज्यों को साफ कहा गया है कि जब तब वह गड़बड़ियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगे और उसके अमल की रिपोर्ट नहीं देंगे, तब तक किसी भी राज्य को एक पैसा नहीं दिया जाएगा।

    अब इस आधार पर मिलेगा पैसा

    वहीं यह भी संदेश दिया है कि गड़बड़ी करने वालों को छोड़ेंगे भी नहीं। इसके साथ ही मिशन से जुड़े अधिकारियों ने यह भी कहा कि वह राज्यों को अब जो भी पैसा दिया जाएगा वह मिशन के तहत नहीं बल्कि स्कीम आधारित दिया जाएगा।

    गौरतलब है कि जल जीवन मिशन से जुड़ी गड़बडि़यों को लेकर खुलासा तब हुआ था जब पीएम के निर्देश पर सभी राज्यों में अधिकारियों के दल को भेजकर जमीनी हकीकत का सत्यापन कराया गया था। करीब 3.60 लाख करोड़ के जल जीवन मिशन की शुरूआत अगस्त 2019 में हुई थी।

    यह भी पढ़ें: जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार को लेकर एक्शन में केंद्र सरकार, सभी राज्यों से मांगा अधिकारियों पर कार्रवाई का ब्यौरा