जल जीवन मिशन भ्रष्टाचार को लेकर एक्शन में केंद्र सरकार, सभी राज्यों से मांगा अधिकारियों पर कार्रवाई का ब्यौरा
केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाया है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन ठेकेदारों और निरीक्षण एजेंसियों का विवरण मांगा गया है, जिन पर जुर्माना लगा है। जल शक्ति मंत्रालय ने घटिया काम या धन के दुरुपयोग के मामलों में अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है। मिशन की समयसीमा को 2028 तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

जल जीवन मिशन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उन ठेकेदारों और थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसियों का विवरण साझा करने का निर्देश दिया है, जिन पर जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत जुर्माना लगाया गया है। सूत्रों ने सोमवार को बताया कि यह निर्देश जल शक्ति मंत्रालय के तहत पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के निर्देश का हिस्सा है, जिसमें मुख्य सचिवों से व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
केंद्र ने राज्यों से मांगा ठेकेदारों का ब्यौरा
जिन ठेकेदारों और निरीक्षण एजेंसियों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया है, ब्लैक लिस्ट में डालने के आदेश जारी किए गए हैं या जेजेएम के तहत अनियमितताओं के लिए जुर्माना लगाया गया है, उन्हें सूची में शामिलकिया जाएगा। डीडीडब्ल्यूएस ने सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनिरिंग विभाग (पीएचईडी) के अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी भी मांगी है, जिसमें घटिया काम या धन के दुरुपयोग की शिकायतों के संबंधमें निलंबन, निष्कासन और प्राथमिकी दर्ज करना शामिल है।
भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई का निर्देश
राज्यों से कहा गया है कि वे प्रत्येक मामले का एक पृष्ठ का सारांश उपलब्ध कराएं जिनमें प्राथमिकी दर्ज की गई है। परियोजनाओं में दोहरी प्रविष्टियों, देरी, कार्यान्वयन न होने या जरूरत से ज्यादा डिजाइनिंग की पुष्टि के लिए ''ग्राउंडट्रुथिंग'' के माध्यम से डाटा की समीक्षा करने को भी कहा गया है। अधिकारियों के अनुसार, यह निर्देश मिशन की शीर्ष स्तरीय समीक्षा के बाद जारी किया गया है, जिसके दौरान सरकार नेयोजना की समयसीमा को 2028 तक बढ़ाने पर चर्चा की थी।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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