PRAGATI Meeting: 'सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन...'; पीएम मोदी ने 'प्रगति' की 50वीं बैठक में इन मंत्रों पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रगति (प्रो-एक्टिवगवर्नेंस एंड टाइमलीइंप्लीमेंटेशन) की 50वीं बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक पिछले एक दशक में शासन की स ...और पढ़ें

पीएम मोदी ने 'प्रगति' की 50वीं बैठक में इन मंत्रों पर दिया जोर (फोटो- एक्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रगति (प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इंप्लीमेंटेशन) की 50वीं बैठक की अध्यक्षता की।
यह बैठक पिछले एक दशक में शासन की संस्कृति में आए गहरे परिवर्तन का प्रतीक है। प्रगति प्लेटफॉर्म ने अब तक 85 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को गति प्रदान की है और सहकारी संघवाद को मजबूत किया है।
बैठक में प्रधानमंत्री ने परियोजना जीवन चक्र के हर चरण में प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में प्रगति मंच को और मजबूत करना होगा ताकि नागरिकों को तेज क्रियान्वयन, उच्च गुणवत्ता और मापने योग्य परिणाम मिलें। उन्होंने अगले चरण के लिए अपना दृष्टिकोण साझा किया - "सरलता के लिए सुधार, परिणाम देने के लिए प्रदर्शन, प्रभाव डालने के लिए रूपांतरण"।
- सुधार का अर्थ प्रक्रियाओं को सरल बनाना, समाधान-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाना और जीवन की सुगमता तथा व्यापार करने की सुगमता को बढ़ावा देना।
- प्रदर्शन का मतलब समय, लागत और गुणवत्ता पर समान ध्यान देना।
- रूपांतरण को नागरिकों की भावनाओं से मापा जाना चाहिए - समय पर सेवाएं, शिकायतों का त्वरित समाधान और जीवनयापन में सुधार।
बैठक में प्रमुख समीक्षा
इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं: सड़क, रेलवे, बिजली, जल संसाधन और कोयला क्षेत्रों की पांच महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई। ये परियोजनाएं पांच राज्यों में फैली हैं और इनकी कुल लागत 40,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
पीएम श्री योजना: प्रधानमंत्री ने इसे समग्र और भविष्योन्मुखी स्कूली शिक्षा का राष्ट्रीय मानक बनाने पर बल दिया। बुनियादी ढांचे के बजाय परिणाम-उन्मुख क्रियान्वयन पर फोकस हो। सभी मुख्य सचिवों को कड़ी निगरानी के निर्देश दिए गए। पीएम श्री स्कूलों को अन्य राज्य स्कूलों के लिए बेंचमार्क बनाने और वरिष्ठ अधिकारियों को जमीनी दौरे करने का सुझाव दिया।
प्रगति की उपलब्धियां
- 2014 से अब तक 377 परियोजनाओं की समीक्षा।
- 3,162 समस्याओं में से 2,958 (लगभग 94%) का समाधान।
दशकों से अटकी परियोजनाओं को पूरा किया गया, जैसे:
- असम का बोगीबील रेल-सह-सड़क पुल (1997 से)।
- जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (1995 से)।
- नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (1997 से)।
- भिलाई इस्पात संयंत्र का विस्तार (2007 से)।
- गदरवारा और लारा थर्मल पावर परियोजनाएं।
प्रधानमंत्री ने प्रगति को गुजरात में मुख्यमंत्री रहते शुरू किए 'स्वागत' प्लेटफॉर्म का राष्ट्रीय विस्तार बताया। यह अलग-थलग कार्यप्रणाली को तोड़ता है और सभी हितधारकों को एक मंच पर लाता है। अब तक केंद्र के लगभग 500 सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों ने इसमें भाग लिया।
पीएम मोदी ने कहा कि जब निर्णय समय पर होते हैं, समन्वय प्रभावी होता है और जवाबदेही तय होती है, तो शासन की गति स्वाभाविक रूप से बढ़ती है। प्रगति विकसित भारत@2047 के लक्ष्य का शक्तिशाली उत्प्रेरक है।
उन्होंने राज्यों को सामाजिक क्षेत्र में मुख्य सचिव स्तर पर समान व्यवस्था अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।यह बैठक भारत की तेज प्रगति के साथ प्रगति मंच की बढ़ती प्रासंगिकता को रेखांकित करती है।

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