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    'मेरे लिए कोई प्रशिक्षण योजना नहीं?', क्षमता निर्माण आयोग के पूर्व प्रमुख से ऐसा क्यों बोले थे पीएम मोदी?

    Updated: Sun, 17 Aug 2025 11:00 PM (IST)

    क्षमता निर्माण आयोग के पूर्व प्रमुख आदिल जैनुलभाई के अनुसार नौकरशाहों के लिए केंद्र के क्षमता निर्माण कार्यक्रम का एजेंडा प्रधानमंत्री मोदी ने तय किया था। उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या उनके लिए कोई प्रशिक्षण योजना है। जैनुलभाई ने बताया कि प्रधानमंत्री ने ऊंचा लक्ष्य रखा। मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सरकारी अधिकारियों के कौशल और ज्ञान को बढ़ाना है।

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    भारतीय गुणवत्ता परिषद के अध्यक्ष भी थे जैनुलभाई (फोटो: पीटीआई)

    पीटीआई, नई दिल्ली। क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के पूर्व प्रमुख आदिल जैनुलभाई ने कहा कि देश के नौकरशाहों के लिए केंद्र के महत्वाकांक्षी क्षमता निर्माण कार्यक्रम का एजेंडा और लक्ष्य खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तय किया था। उन्होंने एक बार यह भी पूछा था कि क्या उनके लिए कोई प्रशिक्षण योजना बनाई गई है या नहीं?

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    भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के अध्यक्ष रहे जैनुलभाई को एक अप्रैल, 2021 को सीबीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हाल ही में चार साल पूरे करने के बाद उन्होंने इस महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा दे दिया।

    2021 में स्थापित हुआ था क्षमता निर्माण आयोग

    जैनुलभाई ने बताया, 'प्रधानमंत्री ने एजेंडा तय किया और हमें प्रोत्साहित किया। उन्होंने एक बहुत ऊंचा लक्ष्य रखा और हमें कुछ करने को कहा। जब मैंने उन्हें पहली बार अपडेट दिया तो उन्होंने कहा था कि एक महत्वपूर्ण बात छूट गई है, वह यह कि आपने मेरे लिए कोई प्रशिक्षण योजना नहीं बनाई है।'

    2021 में स्थापित क्षमता निर्माण आयोग सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम 'मिशन कर्मयोगी' का संचालन करता है। मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत सरकारी अधिकारियों के क्षमता निर्माण का उद्देश्य भूमिका-आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से उनके दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान को बढ़ाना है।

    सिविल सेवकों की योग्यता निर्माण पर फोकस

    मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य विभिन्न सरकारी मंत्रालयों/विभागों के बीच की खाई को पाटना और साझा राष्ट्रीय लक्ष्यों एवं प्राथमिकताओं की दिशा में सहयोगात्मक संयुक्त प्रयास को प्रोत्साहित करना है। आयोग में अपने कार्यकाल के बारे में जैनुलभाई ने कहा कि सीबीसी की शुरुआत प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से हुई थी और शुरुआत में इसका ध्यान सिविल सेवकों की योग्यता निर्माण, नागरिक केंद्रित बनने और तकनीक को आगे बढ़ाने पर केंद्रित था।

    उन्होंने कहा, 'जो हासिल हुआ है वह शुरुआत है, अभी बहुत कुछ करना बाकी है।' जैनुलभाई ने कहा कि कई देश अपने सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण के लिए मिशन कर्मयोगी और डिजिटल प्लेटफॉर्म एवं इसके पाठ्यक्रमों तक पहुंच चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा, 'प्रधानमंत्री ने कैरीबियाई और अफ्रीकी देशों से इसका वादा किया है।'

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