पहले सपने देखने से भी डरते थे युवा, आज प्रतिभा को खोजता है देश: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने 20 बच्चों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिए, वीर साहिबजादों के शौर्य को याद किया। उन्होंने कहा कि पहले युवा सपने देखने से डरते थे, पर ...और पढ़ें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (X- @BJP4India)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देशभर के 20 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर साहिबजादों के शौर्य और बलिदान को याद किया। उन्हें नमन करते हुए बच्चों का उत्साहवर्धन किया कि जिस राष्ट्र के पास ऐसा गौरवशाली अतीत हो, जिसकी युवा पीढ़ी को ऐसी प्रेरणाएं विरासत में मिली हों, वो राष्ट्र क्या कुछ नहीं कर सकता।
पूर्व की सरकारों को भी उन्होंने बिना नाम लिए निशाने पर लिया और कहा- आप भाग्यशाली हैं। आप जिस पीढ़ी में जन्मे हैं, आपकी प्रतिभा के साथ देश मजबूती से खड़ा है। पहले युवा सपने देखने से भी डरते थे, क्योंकि पुरानी व्यवस्थाओं में ये माहौल बन गया था कि कुछ अच्छा हो ही नहीं सकता। चारों तरफ निराशा का वातावरण बना दिया गया था, लेकिन आज देश प्रतिभा को खोजता है, उन्हें मंच देता है।
गुरु गोविंद सिंह जी के चारों पुत्रों के बलिदान की याद में भारत मंडपम में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम उन वीर साहिबजादों को याद कर रहे हैं भारत के अदम्य साहस, शौर्य, वीरता की पराकाष्ठा हैं। वो वीर साहिबजादे, जिन्होंने उम्र और अवस्था की सीमाओं को तोड़ दिया, जो क्रूर मुगल सल्तनत के सामने ऐसे चट्टान की तरह खड़े हुए कि मजहबी कट्टरता और आतंक का वजूद ही हिल गया।
उन्होंने याद दिलाया कि हमारी सरकार ने साहिबजादों की वीरता से प्रेरित वीर बाल दिवस मनाना शुरू किया। बीते चार वर्षों में वीर बाल दिवस की नई परंपरा ने साहिबजादों की प्रेरणाओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाया है। वीर बाल दिवस ने साहसी और प्रतिभावान युवाओं के निर्माण के लिए एक मंच भी तैयार किया है।
हर साल जो बच्चे अलग-अलग क्षेत्रों में देश के लिए कुछ कर दिखाते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस बार भी देश के अलग-अलग हिस्सों से आए 20 बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज युवाओं के सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर नई नीतियां बनाई जा रही हैं। युवाओं को राष्ट्र-निर्माण के केंद्र में रखा गया है। मेरा युवा भारत जैसे प्लेटफार्म के माध्यम से युवाओं को जोड़ने, उन्हें अवसर देने और उनमें नेतृत्व कौशल विकसित कराने का प्रयास किया जा रहा है। हर क्षेत्र में युवाओं के लिए नए अवसर खुल रहे हैं।
दावा किया कि आज का युवा ऐसे समय में बड़ा हो रहा है, जब अवसर पहले से कहीं ज्यादा हैं। हम भारत के युवाओं की प्रतिभा, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता को बेहतर मौके देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहां उपस्थित छात्र-छात्राओं को जेन जी और जेन अल्फा की संज्ञा देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपकी पीढ़ी ही भारत को विकसित भारत के लक्ष्य तक ले जाएगी। मैं जेन जी की योग्यता और आत्मविश्वास देखता हूं, इसलिए आप पर बहुत भरोसा करता हूं।
अब देश के नायक-नायिकाओं को हाशिये पर नहीं रखा जाएगा
साहिबजादा अजीत सिंह जी, साहिबजादा जुझार सिंह जी, साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी के शौर्य और बलिदान की गाथा सुनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि माता गुजरी, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी और चारों साहिबजादों की वीरता और आदर्श आज भी हर भारतीय को ताकत देते हैं, हमारे लिए प्रेरणा है।
साहिबजादों के बलिदान की गाथा देश में जन-जन की जुबान पर होनी चाहिए थी, लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी देश में गुलामी की मानसिकता हावी रही। जिस गुलामी की मानसिकता का बीज अंग्रेज राजनेता मैकाले ने 1835 में बोया था, उस मानसिकता से देश को आजादी के बाद भी मुक्त नहीं होने दिया गया।
उन्होंने संकल्प दोहराया कि अब भारत ने तय किया है कि गुलामी की मानसिकता से मुक्ति पानी ही होगी। अब हम भारतीयों के बलिदान व शौर्य की स्मृतियां दबेंगी नहीं। अब देश के नायक-नायिकाओं को हाशिये पर नहीं रखा जाएगा। 10 सालों में हम देश को पूरी तरह गुलामी की मानसिकता से मुक्त करके रहेंगे।

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