देश में डाटा की कीमत एक कप चाय के दाम से भी कम, पीएम मोदी ने बताई डिजिटल क्रांति की ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस के नौवें संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में 1जीबी वायरलेस डाटा की कीमत एक कप चाय से भी कम है। उन्होंने मेक इन इंडिया का मजाक उड़ाने वालों पर निशाना साधा और कहा कि आज देश के हर जिले में 5G पहुंच चुका है। मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में 28 गुना वृद्धि हुई है। भारत वैश्विक डाटा हब बन सकता है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंडिया मोबाइल कांग्रेस के नौवें संस्करण का बुधवार को उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत में एक जीबी वायरलेस डेटा की कीमत एक कप चाय के दाम से भी कम है।
उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि चाय का उदाहरण देना मेरी आदत है। लेकिन यह सत्य है कि प्रति व्यक्ति डाटा खपत में हम दुनिया के अग्रिम देशों में आते हैं। भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी कोई विशेष सुविधा या लक्जरी नहीं है। डिजिटल कनेक्टिविटी भारतीयों के जीवन का अटूट हिस्सा है।
कुछ लोगों ने मेक इन इंडिया का मजाक उड़ाया था- पीएम मोदी
परोक्ष रूप से विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जब मैंने मेक इन इंडिया की बात कही थी तो कुछ लोग इसका मजाक उड़ाते थे। शक-संदेह में जीने वाले लोग कहते थे कि भारत तकनीकी दक्षता से जुड़ी चीजें कैसे बनाएगा, क्योंकि उनके दौर में नई टेक्नोलाजी को भारत तक आने में कई दशक लग जाते थे। देश ने उसका जवाब दिया।
देश के लगभग हर जिले में 5जी पहुंच चुका है- पीएम मोदी
जो देश कभी 2जी को लेकर संघर्ष करता था, आज उसी देश के लगभग हर जिले में 5जी पहुंच चुका है। हमारा इलेक्ट्रनिक्स उत्पादन 2014 की तुलना में छह गुना बढ़ चुका है। मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग में 28 गुना तो इसके निर्यात में 127 गुना वृद्धि हुई है। इससे बड़ी संख्या में रोजगार भी निकला है।
अभी हाल ही में, एक बड़ी स्मार्टफोन कंपनी का डेटा सामने आया है। 45 भारतीय कंपनियां उस एक बड़ी कंपनी की सप्लाइ चेन से जुड़ी हैं। इससे करीब साढ़े तीन लाख रोजगार देश में पैदा हुए हैं। देश में ऐसी कितनी ही कंपनियां बड़े पैमाने पर निर्माण कर रही हैं। इसमें अगर अप्रत्यक्ष अवसर को जोड़ दें, तो रोजगार का ये नंबर काफी बड़ा बन जाता है।
भारत के लिए वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनने का बड़ा मौका
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के लिए वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनने का बड़ा मौका है। इसके लिए यह देखना होगा कि वैश्विक सप्लाई चेन में रूकावटें कहां आ रही हैं। मोबाइल, टेलीकॉम, इलेक्ट्रॉनिक्स और पूरे टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में, जहां भी वैश्विक स्तर पर बाधा आ रही है, वहां सप्लाई देने का भारत के पास मौका है।
मैन्यूफैक्चरिंग में दुनिया भरोसेमंद साथी की तलाश में
मोदी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में वैश्विक कंपनियां भरोसेमंद पार्टनर की तलाश कर रही हैं। दुनिया टेलीकाम नेटवर्क उपकरण के डिजाइन और मैन्यूफैक्चरिंग के लिए भी भरोसेमंद पार्टनर्स चाहती हैं। उन्होंने कहा कि मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में चिपसेट और बैटरियों से लेकर डिस्प्ले और सेंसर तक का निर्माण देश के भीतर होना चाहिए।
दुनिया पहले से कहीं ज्यादा डाटा का सृजन कर रही है। इसलिए स्टोरेज, सुरक्षा और संप्रभुता जैसे सवाल बहुत महत्वपूर्ण हो जाएंगे। डेटा सेंटर्स और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करके भारत एक वैश्विक डाटा हब बन सकता है।
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