Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीएम मोदी ने जापान के नए प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी

    By Nitin AroraEdited By:
    Updated: Mon, 04 Oct 2021 03:07 PM (IST)

    जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने नए नेता के लिए वोट किया था जिसमें फुमियो किशिदा ने जीत हासिल की थी। इसी के साथ ही उनके अगले पीएम बनने की भी बात साफ हो गई थी। अब उन्होंने नए पीएम के रूप में पदभार संभाल लिया है।

    Hero Image
    पीएम मोदी ने जापान के नए प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी

    नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जापान के नए प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा को पदभार ग्रहण करने के लिए बधाई दी और कहा कि वह इस क्षेत्र में विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। पीएम मोदी ने ट्विटर पर कहा, 'जापान के नए प्रधान मंत्री महामहिम किशिदा फुमियो को बधाई और शुभकामनाएं। विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने और हमारे क्षेत्र में शांति और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए उनके साथ काम करने के लिए तत्पर हूं।'

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इससे पहले, पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान के बीच की दोस्ती को पूरे क्षेत्र में सबसे स्वाभाविक साझेदारी में से एक मानी जाती है और कहा कि जापान भारत के सबसे भरोसेमंद दोस्तों में से एक है। इससे पहले सोमवार को, जापानी सांसदों ने फुमियो किशिदा को नए प्रधान मंत्री के रूप में मंजूरी देने के लिए मतदान किया।

    रिपोर्टों के अनुसार, तोशिमित्सु मोतेगी को विदेश मंत्री के रूप में बरकरार रखा जाएगा, जबकि हिरोकाजु मात्सुनो मुख्य कैबिनेट सचिव बने रहेंगे। प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने कहा था कि वह केवल एक वर्ष के बाद लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता के रूप में 29 सितंबर को पार्टी का नए नेता के चुने जाने के बाद पद छोड़ देंगे।

    जापान की सत्तारूढ़ पार्टी ने अपने नए नेता के लिए वोट किया था, जिसमें फुमियो किशिदा ने जीत हासिल की थी। इसी के साथ ही उनके अगले पीएम बनने की भी बात साफ हो गई थी। आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि जापान की राजनीतिक व्यवस्था ऐसी है कि लोगों की संसदीय चुनाव से ज्यादा दिलचस्पी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता के चुनाव में रहती है। इसकी मुख्य वजह यह ही है कि एलडीपी के चुने गए नेता का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय ही होता है। बता दें कि एलडीपी के पास संसद के शक्तिशाली निचले सदन में बहुमत है, जिस कारण नए पार्टी प्रमुख के अगले प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद पहले से ही जता दी गई थी।