कुछ लोग देश के विकास को रोकना चाहते हैंः मोदी
वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पर रणनीति तय करने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता मेें भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक के बाद पार्टी नेता राजीव प्रकाश रूडी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि कुछ लोग ऐसे हैं, जो देश का
नई दिल्ली। वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) विधेयक पर रणनीति तय करने के लिए मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता मेें भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। बैठक के बाद पार्टी नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का कहना है कि कुछ लोग ऐसे हैं, जो देश का विकास रोकना चाहते हैं।
मोदी ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह का आभार जताया है। मोदी ने सभी राजनीतिक पार्टियों जिन्होंने यह महसूस किया है कि देश की गति बदले, देश का विकास हो का अभिनंदन प्रकट किया है।
वहीं, सरकार आज राज्यसभा में जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को पेश करेगी। पूरे विपक्ष में कांग्रेस को अलग-थलग पड़ता देख सरकार मानसून सत्र के बचे दो दिनों में जीएसटी विधेयक को लेकर आखिरी कोशिश कर लेना चाहती है। इसे राज्यसभा की कार्यसूची में शामिल कर लिया गया है। आजादी के बाद कर सुधारों की दिशा में इसे सबसे बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, इस बात को लेकर संदेह बना हुआ है कि क्या विपक्षी दल कांग्रेस इस संविधान संशोधन विधेयक को पारित होने देगा। इस बिल के राज्यसभा में पेश होने के मद्देनजर कांग्रेस ने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है।
कांग्रेस के अलग-थलग पड़ने से बढ़ी उम्मीद
राज्यसभा की संशोधित कार्यूसूची में कहा गया है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 122 वें संविधान संशोधन विधेयक, 2014 को पेश करेंगे। इसमें सदन की प्रवर समिति की संस्तुतियों को भी शामिल किया गया है। एक बड़े सरकारी अधिकारी का कहना है कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी दल चर्चा शुरू करने को तैयार हैं। चूंकि जीएसटी से जुड़ा यह विधेयक संविधान में संशोधन के लिए लाया जा रहा है इसलिए इसे पारित कराने के लिए सदन में दो तिहाई सांसदों की मौजूदगी और उनकी मंजूरी आवश्यक है। वैसे मानसून सत्र की शुरुआत से ही राज्यसभा में हंगामे की वजह से काम नहीं हो पा रहा है।
मुलायम के बयान से सरकार का बढ़ा उत्साह
सोमवार की दोपहर को आए समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयान के बाद सरकार को लगने लगा था कि जीएसटी को लेकर चीजें सकारात्मक दिशा में बढ़ रही हैं। इन संकेतों से उत्साहित होकर सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा कि जीएसटी विधेयक को पारित कराने में दो बैठकों से ज्यादा का समय नहीं लगेगा। हंगामे के बीच भी सरकार को अब राज्यसभा में इस विधेयक पर 160 सकारात्मक वोटों की उम्मीद बढ़ गई है। हालांकि सरकार अभी भी चाहती है कि विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में शांति का माहौल रहे।
राज्यसभा में 166 वोटों की होगी जरूरत
राज्यसभा में वर्तमान में 244 सदस्य हैं। अगर कांग्रेस के 68 व वामदलों के 10 सदस्य विधेयक के खिलाफ वोट करें या वाकआउट करें तो भी सरकार को लग रहा है कि ताजा परिस्थितियों में विधेयक को 166 आवश्यक वोट मिलने में परेशानी नहीं आएगी। हालांकि यह दो तिहाई से कुछ ही अधिक होगा।
जीएसटी पर बनी प्रवर समिति अपनी रिपोर्ट पहले ही सौंप चुकी है। उसके कुछ सुझावों को कैबिनेट की मंजूरी भी मिल चुकी है, जिनमें पांच साल तक मुआवजा और एक फीसद अतिरिक्त कर की परिभाषा में बदलाव के प्रस्ताव शामिल थे। राज्यसभा से यदि यह विधेयक पारित हो जाता है तो लोकसभा से इसे पारित कराना होगा। इसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी से पहले कम से कम 15 विधानसभाओं की मंजूरी की आवश्यकता होगी। इसके बाद ही पहली अप्रैल 2016 से देश में अप्रत्यक्ष कर सुधार के सबसे बड़े कदम को अमल में लाया जा सकेगा।
क्या है जीएसटी विधेयक
वस्तु व सेवाकर (जीएसटी) के जरिये सभी अप्रत्यक्ष करों को हटाकर एक समान कर लिया जाना है। इस विधेयक को पिछले सत्र में राज्यसभा की प्रवर समिति को सौंपा गया था।
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