पीएम कृषि सिंचाई योजना को लेकर आया बड़ा अपडेट, 1600 करोड़ रुपये होंगे खर्च; जानिए किसे मिलेगा फायदा
कैबिनेट ने एम-सीएडीडब्ल्यूएम के आधुनिकीकरण को जो मंजूरी दी वह 2025-26 के लिए है। इसके बाद इस योजना को 16वें वित्त आयोग की रिपोर्ट आने के बाद राज्यों के साथ चैलेंज मेथड के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। इसका मतलब है कि राज्यों को योजना का लाभ लेने के लिए कुछ जरूरी सुधार करने होंगे। इससे संबंधित पूरे देश में पायलट प्रोजेक्टों को मंजूरी मिली है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कृषि में सिंचाई के तौर-तरीकों में सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट (एम-सीएडीडब्ल्यूएम) के आधुनिकीकरण के बड़े कार्यक्रम को मंजूरी दे दी। अब यह कार्यक्रम पीएम कृषि सिंचाई योजना की एक उपयोजना के रूप में खेती में पानी के बेहतर इस्तेमाल का ढांचा तैयार करने में सहयोग देगा।
शुरुआत में इस पर 1600 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका उद्देश्य नहर जैसे खुले स्त्रोतों से पानी को अंडरग्राउंड पाइपलाइन के जरिये खेतों तक जरूरत के अनुसार पहुंचाया जाएगा। सिंचाई के लिए उपयोग होने वाले पानी के नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए यह अहम पहल है।
नहर से खेतों तक आएगा पानी
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस कदम से किसानों को लघु सिंचाई का मजबूत ढांचा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। इससे एक हेक्टेयर तक की जमीन को सिंचित करने के लिए पानी को नहर जैसे स्त्रोतों से पाइपों के जरिये खेतों तक लाने में मदद मिलेगी।
वाटर यूजर सोसाइटियों को ही इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी दी जाएगी। इन सोसाइटियो को एफपीओ और पैक्स जैसे मौजूदा उपक्रमों से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार मदद देगी। सरकार ने एक बयान में यह भी कहा है कि युवाओं को खेती से जोड़ने की दिशा में भी यह योजना सहायता प्रदान करेगी, क्योंकि इसके जरिये वे सिंचाई के आधुनिक तौर-तरीकों को सीख सकेंगे।
कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने शुरुआत में इससे संबंधित पूरे देश में पायलट प्रोजेक्टों को अपनी मंजूरी दे दी है। इन प्रोजेक्टों के अनुभव के आधार पर कमांड एरिया डेवलपमेंट एंड वाटर मैनेजमेंट का राष्ट्रीय प्लान अप्रैल 2026 में जारी किया जाएगा।
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