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    कोचिंग कल्चर खत्म करने की दिशा में केंद्र की बड़ी पहल, पीएम ई-विद्या से घर बैठे ऐसे कर सकते हैं पढ़ाई

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 07:26 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए पीएम ई-विद्या की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य कोचिंग संस्कृति को खत्म करना है। बालवाटिका से बारहवीं तक के छात्रों के लिए सभी विषयों की अध्ययन सामग्री टीवी चैनलों और मोबाइल एप पर मुफ्त उपलब्ध होगी। छात्र चैट के माध्यम से सवालों के जवाब पा सकेंगे। एनसीईआरटी की देखरेख में एक समर्पित टीवी चैनल और मोबाइल एप बनाया गया है।

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    पीएम ई-विद्या के जरिए घर बैठे बच्चे कर सकते हैं पढ़ाई।

    अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। आपका बच्चा यदि स्कूल में है और आप उसके ट्यूशन और कोचिंग पर हर महीने एक बड़ी राशि खर्च कर रहे हैं तो अब आप इससे बच सकते हैं। आपके बच्चे को कोचिंग से बेहतर शिक्षा अब घर बैठे ही पीएम ई-विद्या के जरिए मिल सकती है।

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    केंद्र सरकार ने स्कूलों बच्चों के बीच तेजी से बढ़ी कोचिंग संस्कृति को खत्म करने की दिशा में यह अहम पहल की है। जिसमें बच्चों को बालवाटिका से बारहवीं तक के सभी विषयों की अध्ययन सामग्री अब पीएम ई-विद्या के तहत शुरू किए गए टीवी चैनलों और मोबाइल एप पर मुहैया होगी। जिसे बच्चे अपनी सुविधा के अनुसार देख और पढ़ सकते है।

    चैट के जरिए मिलेंगे सवालों के जवाब

    पढ़ाई के दौरान छात्रों के मन में उससे जुड़े किसी तरह के सवाल होंगे, तो चैट के जरिए उसके भी जवाब पा सकेंगे। यह सब बिल्कुल मुफ्त होगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी ) की देखरेख में स्कूली बच्चों के लिए शुरू हुई इस मुहिम में प्रत्येक कक्षा के लिए एक समर्पित टीवी चैनल के साथ अब एक मोबाइल एप भी तैयार किया है। जिसको आइओएस और एनड्राइड दोनों तरह के मोबाइल फोन में डाउनलोड किया जा सकता है। इनमें बालवाटिका यानी प्री-प्राइमरी के लिए भी पहली बार एक समर्पित चैनल और मोबाइल एप बनाया गया है।

    क्या इस एप की खास बात?

    खासबात यह इससे जुड़ी अध्ययन सामग्री को तैयार करने या छात्रों की मदद के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित अलग-अलग विषयों के देश के श्रेष्ठ शिक्षकों को लगाया गया है। एनसीईआरटी से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक मोबाइल एप शुरू होने के करीब दो सप्ताह में एक करोड़ छात्र पीएम ई-विद्या एप से जुड़ गए हैं।

    वैसे तो इसका लक्ष्य स्कूलों में पढ़ने वाले सभी 25 करोड़ छात्रों तक पहुंचने का है। खासकर दूरदराज और पिछले क्षेत्रों के बच्चों तक पहुंचने पर सबसे अधिक फोकस है। एप के जरिए छात्र अपनी कक्षाओं से जुड़ी अध्ययन सामग्री को कभी भी देख सकेंगे। यह 30 भारतीय भाषाओं में तैयार की जा रही है।

    गौरतलब है कि पीएम ई-विद्या की सोच वैसे तो कोरोना काल में निकलकर सामने आयी है, जिसमें दो सौ टीवी चैनल शुरू करने की घोषणा की गई थी। हालांकि इसकी शुरूआत पिछले साल यानी दिसंबर 2024 में हो पायी। अब इसमें नए-नए सुधार किए जा रहे हैं। 

    इस तरह हुआ है दो सौ टीवी चैनलों का बंटवारा

    पीएम ई-विद्या के तहत शुरू किए गए दो सौ टीवी चैनलों में से 16 चैनल अकेले एनसीईआरटी के पास है जबकि सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भी पांच-पांच चैनल दिए गए है। मणिपुर में उग्रवाद को देखते हुए उसे दस टीवी चैनल दिए गए है। यह टीवी चैनल 24 घंटे बच्चों को पढ़ाते है। राज्यों के चैनलों पर मुहैया कराई जाने वाली अध्ययन सामग्री पर भी एनसीईआरटी नजर रखता है। जरूरत पड़ने पर या खराब गुणवत्ता पर उन्हें जरूरी निर्देश भी देता है।

    नीट-जेईई जैसी परीक्षाओं को भी कोचिंग के चंगुल से मुक्त कराने की पहल

    स्कूली बच्चों को को¨चग संस्कृति से छुटकारा दिलाने की इस पहल से पहले नीट-जेईई जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं को भी कोचिंग के चंगुल के मुक्त कराने की दिशा में केंद्र ने जरूरी कदम उठाए है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर उच्च शिक्षा सचिव विनीत जोशी का अगुवाई में एक उच्चस्तरीय कमेटी भी गठित की है। जिसे इन परीक्षाओं के पैटर्न को कुछ इस तरह से तैयार करने का सुझाव दिया गया है ताकि बगैर कोचिंग के बच्चे भी इनमें आसानी से चयनित हो सके। कमेटी इसे लेकर एक दौर की बैठक भी कर चुकी है। जिसमें चयनित बच्चों के आंकड़ों के आधार पर विश्लेषण किया जा रहा है। माना जा रहा है कि अगले साल होने वाली इन परीक्षाओं में इससे जुड़े कुछ बदलाव दिख सकते हैं।

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