Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    PM Dhan Dhanya Krishi Yojana: क्या है पीएम धन धान्य कृषि योजना, कैसे मिलेगा किसानों को लाभ; पढ़ें पूरी डिटेल

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 07:18 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी है जो अगले छह वर्षों तक चलेगी। इस योजना में कृषि उत्पादन में पिछड़े जिलों को शामिल किया जाएगा जिसमें प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिला होगा। इस योजना पर प्रति वर्ष 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे जिससे लगभग 1 करोड़ 70 लाख किसानों को लाभ होगा।

    Hero Image
    मोदी कैबिनेट ने दी पीएम धन धान्य कृषि योजना को मंजूरी।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रतीक्षित प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दे दी है। यह अगले छह वर्ष तक चलेगी। इसमें उन जिलों को शामिल किया जाएगा, जो कृषि उत्पादन-उत्पादकता में पिछड़े हैं। प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिला जरूर शामिल किया जाएगा। इसपर प्रत्येक वर्ष 24 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे और एक करोड़ 70 लाख किसानों को फायदा होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वर्ष 2025-26 के बजट में इसकी घोषणा की गई थी। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद बुधवार को सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि क्रियान्वयन में केंद्र के 11 विभागों की 36 योजनाओं, राज्यों की योजनाओं एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी में किया जाएगा। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित यह देश की पहली योजना है, जो नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित है। इसका उद्देश्य उत्पादकता में वृद्धि के साथ किसानों को फसल विविधीकरण की ओर प्रेरित करना, कटाई के बाद पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर भंडारण क्षमता में वृद्धि, सिंचाई सुविधा में सुधार के साथ कृषि ऋण को आसान बनाना है।

    कैसे चुने जाएंगे सौ जिले?

    प्रत्येक राज्य से कम से कम एक जिले का चयन किया जाएगा। पात्र जिलों का चयन तीन प्रमुख आधार पर किया जाएगा। जिन जिलों में न्यूनतम कृषि उत्पादकता, कम लोन वितरण एवं कम फसली तीव्रता होगी, उन्हीं जिलों को योजना में शामिल किया जाएगा। प्रत्येक राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में जिलों की संख्या निवल फसल क्षेत्र (नेट क्रॉप्ड एरिया) एवं परिचालन जोत (आपरेशनल होल्डिंग) के हिस्से पर आधारित होगी। योजना के मूल्यांकन के लिए हर जिले की प्रगति पर 117 संकेतकों के आधार पर नजर रखी जाएगी और डैशबोर्ड के जरिए केंद्र सरकार अंतिम निगरानी करेगी।

    अलग-अलग जिले और अलग-अलग प्रोजेक्ट 

    प्रत्येक जिले के लिए अलग-अलग प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे। प्रभावी क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी, जिनमें प्रगतिशील किसानों को सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा। जिला धन धान्य समिति द्वारा जिला कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। जिले की योजनाएं फसल विविधीकरण, जल एवं मृदा स्वास्थ्य संरक्षण, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता तथा प्राकृतिक एवं जैविक खेती को विस्तार देने जैसे राष्ट्रीय लक्ष्यों के अनुरूप होंगी। चयनित जिले में योजना की प्रगति की निगरानी मासिक आधार पर डैशबोर्ड के जरिए की जाएगी।

    नीति आयोग भी जिला योजनाओं की समीक्षा और मार्गदर्शन करेगा। सभी जिलों में नियुक्त केंद्रीय नोडल अधिकारी भी नियमित समीक्षा करेंगे।सरकार का प्रयास उत्पादन-उत्पादकता के मामले में अत्यंत पिछड़े जिलों को अन्य विकसित जिलों के बराबर खड़ा करने का है। इससे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में आसानी होगी। उत्पादकता बढ़ेगी तो देश की कृषि पैदावार में वृद्धि होगी। किसानों की स्थिति सुधरेगी। कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में भी मूल्यवर्धन होगा। स्थानीय स्तर पर रोजगार में वृद्धि होगी।

    ये भी पढ़ें: Aadhar Card कार्ड के बिना अब नहीं मिलेगा इस सरकारी योजना का लाभ, केंद्र सरकार ने आधार कार्ड किया अनिवार्य