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PM Adarsh Gram Scheme: सरकार का दावा- देश के आधे से ज्यादा एससी बहुल गांवों की बदली सूरत

अनुसूचित जाति (एससी) बाहुल गांवों को संवारने के लिए शुरू की गई पीएम आदर्श ग्राम योजना को सरकार इन दिनों तेजी से रफ्तार देने में जुटी हुई है। यही वजह है कि पिछले साल इस योजना में शामिल किए करीब साढ़े ग्यारह हजार एससी बाहुल गांवों को छोड़ दें तो इस योजना में शामिल 75 फीसद से अधिक आदर्श गांव का स्वरूप ले चुके है।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalPublished: Wed, 12 Jul 2023 09:45 PM (IST)Updated: Wed, 12 Jul 2023 09:45 PM (IST)
सरकार का दावा- देश के आधे से ज्यादा एससी बहुल गांवों की बदली सूरत (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अनुसूचित जाति (एससी) बाहुल गांवों को संवारने के लिए शुरू की गई पीएम आदर्श ग्राम योजना को सरकार इन दिनों तेजी से रफ्तार देने में जुटी हुई है।

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यही वजह है कि पिछले साल इस योजना में शामिल किए करीब साढ़े ग्यारह हजार एससी बाहुल गांवों को छोड़ दें तो इस योजना में शामिल 75 फीसद से अधिक आदर्श गांव का स्वरूप ले चुके है। यानी उनमें वह सभी सुविधाएं जुटा लेने का दावा किया गया है, जो इस योजना के तहत प्रस्तावित है। इनमें सड़क, बिजली, पानी, स्कूल, पेंशन आदि जैसे मानक शामिल है।

खासबात यह है कि पीएम आदर्श ग्राम स्कीम के तहत देश भर से अब तक करीब 29 हजार एससी बाहुल गांवों को चयन किया गया है। यह सभी ऐसे गांव है जहां एससी की आबादी पचास फीसद या उससे अधिक है।

एससी बाहुल गांवों में बदलेगी किस्मत

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की देखरेख में देश भर के एससी बाहुल गांवों को चमकाने को लेकर शुरू की गई पीएम आदर्श ग्राम योजना के तहत अब करीब पांच हजार एससी बाहुल गांवों को आदर्श गांव घोषित भी किया जा चुका है, जबकि करीब दस हजार ऐसे गांव है जिन्होंने इस मानक को पूरा कर लिया है और ये आदर्श गांव के रूप में घोषित होने की प्रक्रिया में है।

योजना के तहत किसी भी गांव को आदर्श ग्राम के रूप में तब घोषित किया जाता है, जब ग्राम सभा और स्थानीय प्रशासन उन गांवों में तय मानकों के तहत सारी सुविधाएं जुटाने का दावा करती है। जिसके बाद इसका एक निजी एजेंसी से सर्वे कराया जाता है। जिसकी रिपोर्ट के बाद इन गांवों को आदर्श ग्राम घोषित किया जाता है।

18 हजार एससी बाहुल गांवों को चुना गया

मंत्रालय से जुड़ी रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2021-22 तक इस योजना के तहत देश भर के करीब 18 हजार एससी बाहुल गांवों को चुना गया है। इनमें से मौजूदा समय में करीब 15 हजार गांवों के आदर्श गांव के रूप में विकसित होने का दावा किया गया है, जिसमें से करीब पांच हजार गांवों को आदर्श गांव घोषित भी किया जा चुका है।

आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का रखा लक्ष्य

योजना से जुड़े अधिकारियों की मानें तो जिन गांवो को इस योजना में शामिल किया गया है, उन सभी को अगले वर्ष तक आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इन गांवों के युवाओं को स्किल से जुड़ा प्रशिक्षण देने की मुहिम चल रही है। बाकी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश सहित करीब आधा दर्जन राज्यों में विशेष फोकस किया जा रहा है।

इस योजना की शुरूआत 2009-10 में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सिर्फ पांच राज्यों के एक हजार गांवों में की गई थी। बाद में 2014-15 में मोदी सरकार ने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा। जिसमें चरण बद्ध तरीके से देश के एसपी बाहुल करीब 29 हजार गांवों के चमकाने का लक्ष्य रखा।

आदर्श गांव की दस क्षेत्रों के 50 मानकों पर होती है परख

इस योजना के तहत किसी भी गांव को आदर्श गांव के रूप में तब घोषित किया जाता है, जब वह पेयजल, शौचालय, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, घर और सड़क, वित्तीय सुविधा, कौशल विकास आदि क्षेत्रों से जुड़े करीब पचास मानकों को पूरा करते है। इन मानकों में से यदि किसी गांव में सात फीसद से ज्यादा की सुविधाएं जुटा ली जाती है, उन्हें आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव भेजा जाता है।


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