पित्रोदा ने ही कर दिया राजफाश, कांग्रेस भारत विरोधी नेटवर्क का हिस्सा: बीजेपी
सैम पित्रोदा के बयान से राजनीतिक बवाल मच गया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को ग्लोबल प्रोग्रेसिव एलायंस का हिस्सा बताया। भाजपा ने दावा किया है कि यह एल ...और पढ़ें

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी। (फाइल)
जागरण ब्यूरो,नई दिल्ली। कांग्रेस को पहले भी मुश्किल में डालते रहे ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदी ने अब एक और बयान से राजनीतिक बवाल मचा दिया है। भाजपा ने दावा किया है कि सैम पित्रोदा ने साक्षात्कार में दिए बयान से अनजाने में ही कांग्रेस को बेनकाब कर दिया है, जिसमें स्वीकारोक्ति की गई है कि कांग्रेस पार्टी ग्लोबल प्रोग्रेसिव एलायंस का हिस्सा है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी उस एलायंस में अध्यक्षीय पीठ के सदस्य हैं।
भाजपा सांसद व राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने आरोप लगाया है कि यह ग्लोबल प्रोग्रेसिव एलायंस भारत विरोधी वैश्विक संगठनों का नेटवर्क है, जिसका हिस्सा कांग्रेस है। सैम पित्रोदा को राहुल गांधी का पैतृक व वैचारिक गुरु बताते हुए भाजपा सांसद सुधांशु ने उनके बयान की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि पित्रोदा के मुताबिक ग्लोबल प्रोग्रेसिव एलायंस विश्व के 110 लोकतांत्रिक देशों का संगठन है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विश्व के कुल 190 देशों में 57 मुस्लिम देश हैं, जहां लोकतंत्र नहीं है। 30-40 देश राजतंत्र हैं। अन्य देशों का भी उल्लेख करते हुए दावा किया कि इस तरह देशों की संख्या जब सौ से नीचे हो जाती है तो कांग्रेस या पित्रोदा बताएं कि लोकतंत्र की आड़ में यह किन देशों का समूह है, जिनके माध्यम से भारत के वास्तविक लोकतंत्र को आघात पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है?
भाजपा प्रवक्ता ने सैम पित्रोदा के उस बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने भारत विरोधी अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस के लोगों से संबंधों के प्रश्न पर स्पष्टत: कह दिया कि ''मुझे कोई परवाह नहीं।''
सुधांशु ने कहा कि राहुल ने जर्मनी में प्रो कारनैलिया से भी मुलाकात की जो सेट्रंल यूरोपियन विश्वविद्यालय की ट्रस्टी है और इसमें उस जॉर्ज सोरोस का पैसा लगा है कि जिसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लेते हुए दक्षिणपंथी ताकतों को खत्म करने के लिए दल लाख करोड़ सुरक्षित रखने की बात कही थी।
उन्होंने याद दिलाया कि सोनिया गांधी भी जॉर्ज सोरोस से वित्तीय सहायता पाने वाले फोरम फॉर डेमोक्रेटिक लिबर्टी की को-चेयरपर्सन हैं। साथ ही भाजपा सांसद ने इस पर भी जोर दिया कि राहुल गांधी कई बार भारत विरोधी देशों की सराहना कर चुके हैं। कई बार भारत विरोधी संगठनों, सांसदों, विचारकों आदि से मिल चुके हैं, लेकिन बताएं कि आज तक भारत समर्थक संगठनों, सांसदों, विचारकों, उद्योगपतियों आदि से क्यों नहीं मिले?

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