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    भारतीय नोटों पर छपी हैं ये ऐतिहासिक धरोहरें, महात्मा गांधी की फोटो के पीछे का दिलचस्प है इतिहास

    By Shalini KumariEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Sat, 20 May 2023 05:28 PM (IST)

    भारतीय करेंसी नोट के पीछे कुछ तस्वीरें छपी हुई हैं जिनका अपना एक मतलब है। इन नोटों के पीछे छपी महात्मा गांधी की तस्वीर के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। बहुत कम लोगों को पता होता है कि आखिर किस नोट के पीछे क्या छपा हुआ है।

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    भारतीय करेंसी के पीछे छपी तस्वीरों का मतलब

    नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। हम रोजाना अपने लेन-देन के लिए नोट का इस्तेमाल करते हैं। यूं तो डिजिटल इंडिया के मद्देनजर ज्यादातर ट्रांजेक्शन ऑनलाइन ही किए जाते हैं, लेकिन फिर भी कई बार देखा गया है कि कुछ जगहों पर हमें नोट और सिक्कों की ही जरूरत पड़ती है।

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    क्या आपने इस बात पर गौर किया है कि कौन-से नोट के पीछे कौन-सी तस्वीर छपी होती है और इसका क्या मतलब होता है।

    जब भी कोई आपसे पूछता है कि नोट पर क्या तस्वीर छपी है, तो हमें सिर्फ महात्मा गांधी याद आते हैं। जबकि, इन नोट के पीछे छपी हुई तस्वीरों के बारे में भी जानना बहुत जरूरी होता है। इस खबर में हम आपको बताएंगे कि कौन-से नोट के पीछे कौन-सी तस्वीर छपी होती है।

    2000 के नोट के पीछे छपा है चंद्रयान

    सबसे पहले बात करते हैं, 2000 रुपये के नोट की, तो इसके पीछे चंद्रयान की तस्वीर छपी है। चंद्रयान भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का एक बड़ा ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। हालांकि, अब इन नोटों को बंद कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, अब भारतीय रिजर्व बैंक 2000 के नोट जारी नहीं करेगी, लेकिन अब तक बाजार में जो नोट है, वो वैध रहेंगे।

    500 के नोट पर छपा लाल किला

    अगर 500 रुपये के नोट पर ध्यान दिया जाए, तो नोटबंदी के बाद जारी किए गए 500 रुपये के नए नोट पर लाल किले की तस्वीर छपी हुई है। यह देश की राजधानी दिल्ली में स्थित है। यहीं, भारत के प्रधानमंत्री 15 अगस्त के मौके पर भारतीय ध्वज फहराते हैं।

    200 रुपये के नोट पर सांची का स्तूप

    200 रुपये के नोट पर सांची का स्तूप छपा हुआ है। यह मध्य प्रदेश की रायसेन जिले के सांची शहर में स्थित है। यह भारत के सबसे प्राचीन इमारतों और कलाकृतियों में से एक है। इसे यूनेस्को की लिस्ट में शामिल किया जा चुका है। आपको बता दें, 'सांची का स्तूप' सम्राट अशोक के कार्यकाल में बनाया गया था।

    रानी का वाव

    100 रुपये के नोट की बात करें, तो इसके पुराने नोट पर भारत के सबसे ऊंचे और विश्व में तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत शिखर कंचनजंगा की तस्वीर है। वहीं, नए वाले नोट पर रानी की वाव की तस्वीर है। रानी का पाव गुजरात के पाटन जिले में स्थित है। भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई, 2018 में 100 रुपये के नए नोट के ऊपर इस चित्र को छापा था। आपको बता दें, रानी की वाव को 22 जून, 2014 को यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल में शामिल किया जा चुका है।

    50 के नए और पुराने नोट पर है ये तस्वीरें

    पुराने 50 रुपये के नोट के पीछे संसद भवन की तस्वीर है। वहीं, नए नोट के पीछे हम्पी की फोटो छपी हुई है। हम्पी मंदिर कर्नाटक की तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। हम्पी कर्नाटक का एक प्राचीन गांव है।

    एलोरा की गुफाएं

    जब आप 20 रुपये के नए नोट पर गौर करेंगे तो इस पर एलोरा की गुफाओं की तस्वीर छपी नजर आएगी। उसको भी यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया गया है। एलोरा की गुफाएं औरंगाबाद में स्थित है, इसमें कुल 34 गुफाएं हैं।

    सूर्य मंदिर

    10 रुपये के नोट पर कोणार्क का सूर्य मंदिर का चित्र अंकित है। यह ओडिशा के पुरी जिले में स्थित है। यह पुरी शहर से 35 किलोमीटर की दूर है। वर्ष 1984 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दे दी थी।

    कब ली गई थी नोट पर छपी गांधी की तस्वीर?

    भारतीय रुपया के नोट के पीछे तो अलग-अलग तस्वीरें रहती हैं, लेकिन इसके अगले हिस्से पर महात्मा गांधी की तस्वीर रहती है। हालांकि, बहुत कम लोगों को पता होगा कि आखिर यह फोटो कब और किसने ली थी। दरअसल, नोट पर छपी महात्मा गांधी की यह तस्वीर उस समय ली गई थी, जब भारत अंग्रेजों के अधीन थी।

    अप्रैल, 1946 में महात्मा गांधी ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड फ्रेडरिक विलियम पेथिक-लॉरेंस से मिलने उनके आवास पर गए थे। उसी दौरान एक अनजान व्यक्ति ने महात्मा गांधी की यह तस्वीर खींची थी।