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    भारत को ऊर्जा हब बनाने के लिए रिफाइनरी क्षमता बढ़ाना जरूरी: हरदीप स‍िंह पुरी

    By Jagran NewsEdited By: Vinay Saxena
    Updated: Tue, 30 May 2023 08:37 PM (IST)

    ग्रीन एनर्जी का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा हमने जून 2022 में 10 प्रतिशत एथनाल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इससे तेल आयात बिल में 41 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। इसका फायदा किसानों को भी हो रहा है।

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    हरदीप स‍िंह पुरी ने आइएसीसी-एनआइसी की तरफ से आयोजित ऊर्जा शिखर सम्मेलन को क‍िया संबोधि‍त।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में पेट्रोल और डीजल की मांग अभी लंबे समय तक बनी रहेगी। यही वजह है कि केंद्र सरकार देश में छोटी रिफाइनरी लगाने की संभावना पर काम कर रही है। चूंकि बड़ी रिफाइनरी लगाने में ज्यादा जमीन की जरूरत होती है और अब भारत में जमीन अधिग्रहीत करना एक बड़ी चुनौती हो गई है, इसलिए छोटी रिफाइनरी लगाने पर विचार हो रहा है। यह जानकारी पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप स‍िंह पुरी ने यहां आइएसीसी-एनआइसी की तरफ से आयोजित ऊर्जा शिखर सम्मेलन में दी।

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    रिफाइन‍िंग क्षमता बढ़ाने पर भी ध्यान

    पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ''भारत 20 मिलियन मीट्रिक टन रिफाइनरियों पर ध्यान देने के साथ रिफाइन‍िंग क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। अभी हमारी रिफाइन‍िंग क्षमता हर साल लगभग 250 मिलियन मीट्रिक टन है, जिसे बढ़ाकर 400 से 450 मिलियन मीट्रिक टन करना चाहते हैं। इसके लिए 20 मिलियन मीट्रिक टन वाली छोटी रिफाइनरियों की आवश्यकता है। छोटी रिफाइनरियां लगाने में कोई ज्यादा अड़चनें नहीं आती।'' उन्होंने कहा कि भारत को एक ऊर्जा हब बनाने के लिए रिफाइनरी क्षमता बढ़ाना जरूरी है।

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    ग्रीन एनर्जी का जिक्र

    पुरी का यह बयान तब आया है जब केंद्र सरकार की तरफ से देश के पश्चिमी समुद्री तट पर छह करोड़ टन सालाना क्षमता की एक बड़ी रिफाइनरी लगाने की योजना थोड़ी भी आगे नहीं बढ़ पा रही। ग्रीन एनर्जी का जिक्र करते हुए पुरी ने कहा, ''हमने जून, 2022 में 10 प्रतिशत एथनाल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इससे तेल आयात बिल में 41 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है। इसका फायदा किसानों को भी हो रहा है। हमारा लक्ष्य 2025 तक 20 प्रतिशत ब्लेंडिंग का है। यह लक्ष्य आसानी से पूरा होगा। हम जी-20 की अध्यक्षता का उपयोग बायो फ्यूल अलाइंस के लिए कर रहे हैं।''

    भारत को अपनी मौजूदा रिनीवेबल ऊर्जा क्षमता में तीन गुना ज्यादा क्षमता जोड़नी होगी। साथ ही परमाणु ऊर्जा के भंडारण के लिए अगले आठ साल में यानी 2023 तक 500 अरब डालर की जरूरत होगी। - सुनील जैन, चेयरमैन, आइएसीसी (ऊर्जा समिति)