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    कर्नाटक चुनाव से पहले नहीं बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Tue, 01 May 2018 09:28 PM (IST)

    पेट्रोल के दाम 55-महीनों के ऊंचे स्तर और डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद वित्त मंत्रालय ने उत्पाद शुल्क घटाने से इन्कार कर दिया था।

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    कर्नाटक चुनाव से पहले नहीं बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के दाम

    नई दिल्ली, प्रेट्र। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से एक पखवाड़ा पहले से इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम जैसी सार्वजनिक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दाम में दैनिक संशोधन की प्रक्रिया बंद की हुई है। पिछले 24 अप्रैल से पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

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    पेट्रोल के दाम 55-महीनों के ऊंचे स्तर और डीजल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद वित्त मंत्रालय ने उत्पाद शुल्क घटाने से इन्कार कर दिया था। इसे देखते हुए सार्वजनिक तेल कंपनियों ने 24 अप्रैल से ईधन के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है, जबकि उसके बाद से पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर दो डॉलर से ज्यादा बढ़कर 80.56 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है। वहीं, डीजल की अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर इस वक्त 86.35 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है।

    पिछले 24 अप्रैल को तेल कंपनियों ने पेट्रोल का दाम बढ़ाकर नई दिल्ली में 74.63 रुपये प्रति लीटर कर दिया था, जो पिछले 55-महीनों का उच्च स्तर है। वहीं, डीजल का दाम उस दिन 65.93 रुपये प्रति लीटर किया गया था। इसके पीछे तर्क था कि उस वक्त तक पेट्रोल की अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर 78.84 डॉलर, जबकि डीजल की अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क दर 84.68 डॉलर प्रति बैरल थी। दूसरी तरफ, पिछले एक सप्ताह में डॉलर के मुकाबले रुपया भी करीब एक-तिहाई डॉलर तक गिर चुका है। सूत्र का कहना था कि सार्वजनिक ऑयल मार्केटिंग कंपनियां दाम घटाने-बढ़ाने को लेकर कुछ भी बोलने से बच रही हैं, क्योंकि उन्हें इस बारे में कुछ भी बोलने से मना किया गया है।

    कर्नाटक विधानसभा चुनाव 12 मई को होना है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष गुजरात चुनाव से ठीक पहले दिसंबर के पहले पखवाड़े में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने तेल के दाम में तीन पैसा प्रतिदिन तक कटौती की थी। लेकिन 14 दिसंबर को चुनाव हो जाने के बाद कंपनियों ने दाम बढ़ाने शुरू कर दिए। इसी से इन संभावनाओं को बल मिला कि सरकार ने कर्नाटक चुनाव से पहले तेल कंपनियों को दाम नहीं बढ़ाने को कहा हो। वहीं, पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि दाम बढ़ाने या नहीं बढ़ाने का फैसला ऑयल मार्केटिंग कंपनियां करती हैं, सरकार नहीं।