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    नूंह हिंसा की NIA से जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, मृतकों और घायलों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शांतिपूर्ण ढंग से निकल रही धार्मिक शोभा यात्रा पर पथराव किया गया। इस हमले के एक दिन के भीतर ही दंगाइयों ने आसपास के क्षेत्रों गुरूग्राम में हमले और लूटपाट करनी शुरू कर दी थी। दावा है कि इसके चलते करीब 2500 हिंदुओं को जबरन नूंह के नालहर महादेव मंदिर में शरण लेनी पड़ गई थी।

    By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Sat, 26 Aug 2023 09:22 PM (IST)
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    मृतकों के परिजनों को एक करोड़ तथा घायलों को 20 लाख रुपये दिये जाने की मांग की गई है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई है जिसमें हरियाणा के नूंह में हिंदुओं को निशाना बना कर की गई सांप्रदायिक हिंसा का मुद्दा उठाया गया है। याचिका में नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) से जांच कराने की मांग की गई है। साथ ही याचिका में मामले का ट्रायल नूंह से बाहर स्थानांतरित करने और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को एक करोड़ तथा घायलों को 20 लाख रुपये मुआवजा दिये जाने की भी मांग की गई है।

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    तोड़े गए घरों का हो ऑडिट

    यह जनहित याचिका प्रदीप भंडारी और रतन शारदा की ओर से वकील शशांक शेखर झा ने दाखिल की है। याचिका में यह भी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार को आदेश दे कि वह दंगे में जलाए और तोड़े गए घरों का ऑडिट कराए। कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट धार्मिक प्रगति और त्योहारों के बारे में विस्तृत दिशा निर्देश जारी करे ताकि भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान देश भर में इस तरह की घटनाएं न हों।

    निशाना बनाकर हुई साम्प्रदायिक हिंसा

    याचिका में हरियाणा के नूंह और आसपास के क्षेत्र जैसे गुरूग्राम और सोहना में हिन्दुओं को निशाना बनाकर हुई साम्प्रदायिक हिंसा में हुई अप्रकृतिक मौतों का मुद्दा उठाया गया है। कहा गया है कि यह मामला अनुच्छेद 19 और अनुच्छेद 21 में मिले मौलिक अधिकारों के हनन का है। कहा गया है कि हरियाणा के नूंह जिले में 31 जुलाई 2023 को ब्रजमंडल यात्रा गुजरने के दौरान हिंसा शुरू हुई थी।

    शांतिपूर्ण धार्मिक शोभा यात्रा पर पथराव

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शांतिपूर्ण ढंग से निकल रही धार्मिक शोभा यात्रा (जुलूस) पर पथराव किया गया। इस हमले के एक दिन के भीतर ही दंगाइयों ने आसपास के क्षेत्रों गुरूग्राम में हमले और लूटपाट करनी शुरू कर दी। दावा है कि इसके चलते करीब 2500 हिंदुओं को जबरन नूंह के नालहर महादेव मंदिर में शरण लेनी पड़ी। हिंसा का सिलसिलेवार ब्योरा दिया गया है और मारे गए लोगों के परिजनों से याचिकाकर्ता द्वारा मिल कर की गई बातचीत का भी जिक्र है।

    सुनियोजित थी हिंसा!

    याचिका में दावा किया गया है कि हरियाणा में लोगों से बातचीत से प्रतीत होता है कि हिंसा सुनियोजित थी। याचिका में कहा गया है कि लोकतंत्र में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की सच्ची भावना उचित जांच और न्यायपूर्ण निर्णय से प्राप्त की जा सकती है। इसे तभी प्राप्त किया जा सकता है जबकि मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एनआइए करे।