'अमेरिका पढ़ रहा राहुल की स्क्रिप्ट', रूसी तेल के ब्राह्मण कनेक्शन पर भाजपा की खरी-खरी
अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार पीटर नेवारो के बचकाने बयान पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पलटवार किया है। नेवारो ने रूस से तेल खरीदने और ब्राह्मणों पर मुनाफा कमाने की बात कही जिसपर दुबे ने सवाल उठाए कि तेल लेने वाले कौन हैं क्या पीएम मोदी ब्राह्मण हैं? उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की अज्ञानता का स्क्रिप्ट अमेरिका पहुंच गई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नेवारो का एक बचकाना बयान सामने आया जिसमें रूस से तेल खरीदने और ब्राह्मणों पर मुनाफा कमाने जैसी बाते कहीं गई हैं। रूसी तेल के ब्राह्मण कनेक्शन जोड़ने पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने करारा पटलवार किया है।
बीजेपी सांसद ने कहा कि अमेरिका कह रहा है कि रुस के तेल का फायदा ब्राह्मण जाति को हो रहा है, तेल लेने वाले कौन हैं, भारत सरकार, क्या पीएम मोदी ब्राह्मण हैं? निजी कम्पनी के कौन से मालिक ब्राह्मण हैं?
राहुल की स्क्रिप्ट अमेरिका पहुंच गई- निशिकांत दुबे
निशिकांत दुबे ने कहा कि लगता है कि राहुल गांधी की अज्ञानता का स्क्रिप्ट अमेरिका पहुंचा गई है। अमेरिका को सत्य नडेला, सुंदर पिचई, इंदिरा नुई के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि ये सभी ब्राह्मण हैं और अमेरिका की कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
पीटर नेवारो का बेतुका बयान
ट्रंप के सलाहकार पीटर नेवारो का कहना का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का फायदा उठाकर भारत, रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है और उसे रिफाइन करके यूरोप सहित दूसरे देशों को बेच रहा है। पीटर ने कहा कि इस फैसले से भारतीयों की कीमत पर ब्राह्मण मुनाफा कमा रहे हैं।
रूसी तेल का 'ब्राह्मण कनेक्शन'
पीटर ने भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाता हुए कहा कि नई दिल्ली, क्रेमलिन के लिए लॉन्ड्रौमैट बन गया है। भारतीयों की कीमत पर ब्राह्मणों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। हमें इसे रोकना होगा।
पीटर नेवारो यहीं नहीं रुके उन्होंने दावा किया कि भारत के पैसों से रूस अपने युद्ध के खर्चे पूरे कर रहा है, जिससे बड़ी संख्या में यूक्रेनी नागरिक मारे जा रहे हैं। इतना ही नहीं पीटर ने ट्रंप के टैरिफ का भी समर्थन किया।
पीएम मोदी की पुतिन-चिनफिंग से मुलाकात पर उठाए सवाल
पीटर नेवारो ने पीएम मोदी को महान नेता बताते हुए कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेता होने के बावजूद भी वो पुतिन और शी चिनफिंग से क्यों घुल-मिल रहे हैं?
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