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    सरकार ने सेना में स्थायी कमीशन नीति का किया बचाव, कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की नीति का बचाव किया है। सरकार ने कहा कि इस मामले में शीर्ष अदालत के फैसलों का बिना भेदभाव पालन हो रहा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने सेना के 84 अधिकारियों के एक बैच पर फैसला सुरक्षित रखा है जिन्होंने कमीशन देने से इनकार करने को चुनौती दी है।

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    सरकार ने सेना में स्थायी कमीशन नीति का किया बचाव

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को शार्ट सर्विस कमीशन (एससीसी) की महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की अपनी नीति का बचाव किया और कहा कि इस पहलू पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों का बिना किसी भेदभाव के पालन किया जा रहा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सेना के 84 अधिकारियों के एक बैच पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

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    अधिकारियों ने कमीशन देने की अनुमति देने से इन्कार करने को चुनौती दी है। केंद्र और सेना की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने दलील दी कि बबीता पुनिया मामले में 2020 के फैसले और नितिशा मामले में 2021 के फैसले ने वास्तव में इस नीति को बरकरार रखा है और जो भी खामियां अभी भी थीं और अदालत द्वारा बताई गई थीं, उन्हें अंतत: ठीक कर दिया गया है।

    न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि सेना ने स्थायी कमीशन पर अपनी नीति में सुधार कर लिया है और नितिशा मामले में फैसले के बाद जो भी खामियां थीं, उन्हें दूर कर दिया गया है। अपनी दलीलें समाप्त करते हुए ऐश्वर्या भाटी ने कहा, ''कोई भी प्रक्रिया सभी को संतुष्ट नहीं कर सकती और नाराजगी तो हमेशा रहेगी।''

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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