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    इतिहास के झरोखे से सरदार पटेल का नाम मिटाने का प्रयास हुआ: पीएम मोदी

    By Tilak RajEdited By:
    Updated: Tue, 31 Oct 2017 08:59 AM (IST)

    पीएम मोदी ने कहा कि हमारा भारत विविधताओं का देश है। जब तक विविधता से खुद को जोड़ेंगे नहीं तो राष्ट्र निर्माण में उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।

    इतिहास के झरोखे से सरदार पटेल का नाम मिटाने का प्रयास हुआ: पीएम मोदी

    नई दिल्‍ली, एएनआइ। आज सरदार वल्‍लभभाई पटेल की जयंती है। लौह पुरुष की 142वीं जयंती के अवसर पर देशभर में 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह पटेल चौक स्थित सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद मेजर ध्‍यानचंद नेशनल स्‍टेडियम से पीएम मोदी ने रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाई और लोगों को एकता की शपथ दिलाई।

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    पीएम मोदी ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'आज सरदार पटेल की जन्म जयंती है और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि। लौह पुरुष वल्‍लभभाई पटेल ने देश के लिए जीवन खपा दिया। आजादी के बाद अपने कौशल-दृढ़शक्ति के द्वारा देश को न सिर्फ बड़ी मुश्किलों से बचाया, बल्कि सैकड़ों राजे-रजवाड़े को भारत में मिलाया। ये सरदार साहब की दूरदृष्टि थी कि अंग्रेजों के मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया और देश को एक सूत्र में बांध दिया।'

    उन्‍होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी को सरदार पटेल से परिचित ही नहीं करवाया गया है। दरअसल, इतिहास के झरोखे से सरदार साहब के नाम को मिटाने का प्रयास हुआ या उनके नाम को छोटा करने की कोशिश की गई। कोई राजनीतिक दल उनके माहात्म्य को स्वीकार करे या न करे, लेकिन हमारी पीढ़ी उन्हें इतिहास से ओझल होने देने के लिए तैयार नहीं है।'

    पीएम मोदी ने कहा, 'हमारा भारत विविधताओं का देश है। जब तक विविधता से खुद को जोड़ेंगे नहीं तो राष्ट्र निर्माण में उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। भारत दुनिया के आचार-विचार को अपने में समेटे हुए है। हमारा देश एक रहे, सरदार साहब ने देश को जो एक किया, सवा सौ करोड़ लोगों की जिम्मेदारी है कि वो बनी रही। जब सरदार साहब की जयंती के 150 साल पर हम उन्हें क्या देंगे, इसका संकल्प लेना है। 2022 में आजादी के 75 साल हो रहे हैं, ऐसे में हर हिंदुस्तानी को संकल्प लेकर आगे बढ़ना चाहिए। ऐसा संकल्प जो देश की गरिमा को ऊपर ले जाना हो। ये समय की मांग है। मैं आपको राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ के लिए आमंत्रित करता हूं।

    उन्‍होंने बताया कि एक बार पहले राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद ने कहा था- आज सोचने और बोलने के लिए हमें भारत नाम का देश उपलब्ध है, यह सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टेट्समैनशिप और प्रशासन पर जबर्दस्त पकड़ के कारण हो पाया। ऐसा होने के बावजूद हम सरदार साहब को भूल बैठे हैं। राजेन्द्र बाबू ने सरदार साहब के भुला देने की पीड़ा व्यक्त की थी। आज राजेन्द्र बाबू की आत्मा जहां कहीं भी होगी, वो खुश हो रही होगी।

    पीएम मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई, 'मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करूंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आतंरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी आत्मनिष्ठा से शपथ लेता हूं। भारत माता की जय।'

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