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    पेंशन कोई इनाम नहीं, सौतेली मां को पारिवारिक पेंशन नहीं; केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा

    Updated: Thu, 18 Sep 2025 10:00 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पेंशन कोई इनाम नहीं है बल्कि एक अधिकार है पर यह बिना शर्त नहीं है। सरकार ने वायुसेना नियमों के तहत सौतेली मां को पारिवारिक पेंशन देने से इनकार किया क्योंकि कानूनी और भावनात्मक रूप से वह असली मां से अलग होती है। जयश्री वाई जोगी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अगली तारीख 20 नवंबर तय की।

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    पेंशन कोई इनाम नहीं, सौतेली मां को पारिवारिक पेंशन नहीं (पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कहा कि पेंशन 'कोई इनाम नहीं है' और कानूनी तथा भावनात्मक दोनों दृष्टिकोणों से सौतेली मां, असली मां से अलग होती है, इसलिए भारतीय वायु सेना के नियमों के तहत उसे पारिवारिक पेंशन नहीं दी जा सकती।

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    जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्ज्वल भुइयां और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष केंद्र ने भरण-पोषण और अन्य कल्याणकारी सुविधाओं से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का हवाला दिया, जिनमें कहा गया था कि 'मां' शब्द से केवल असली या जैविक मां का ही मतलब होता है, सौतेली मां का नहीं।

    केंद्र ने कहा, ''यह कानून का एक स्थापित सिद्धांत है कि भले ही पेंशन कोई इनाम नहीं है और यह एक अधिकार के रूप में दावा किया जा सकता है, लेकिन यह अधिकार पूर्ण या बिना किसी शर्त वाला नहीं है। पेंशन लाभ पाने के लिए किसी व्यक्ति को लागू कानूनी प्रविधानों या नियमों के तहत अपना अधिकार साबित करना होगा।''

    पारिवारिक पेंशन देने से किया इनकर

    केंद्र सरकार का यह बयान जयश्री वाई जोगी को विशेष पारिवारिक पेंशन देने से इन्कार करने वाले सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आया। जयश्री ने वायुसेना में सेवारत रहे एक व्यक्ति की उस समय से परवरिश की थी जब वह छह साल का था। उसकी जैविक मां की मृत्यु हो गई थी और पिता ने दूसरी शादी कर ली थी। बाद में इस सैनिक की मृत्यु भी हो गई।

    'सौतेली मां' को 'विशेष पारिवारिक पेंशन' का लाभ नहीं मिल सकता

    जयश्री ने 10 दिसंबर, 2021 के सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि वह 'सौतेली मां' है, इसलिए उसे असली मां को मिलने वाली 'विशेष पारिवारिक पेंशन' का लाभ नहीं मिल सकता।

    एडवोकेट सिद्धार्थ सांगल के माध्यम से दायर जयश्री की याचिका में कहा गया कि उनका बेटा एयरफोर्स में था और 28 अप्रैल, 2008 को रहस्यमय परिस्थितियों में एयरफोर्स मेस में खाना खाते समय उसकी मौत हो गई। एयरफोर्स का दावा है कि उसने आत्महत्या कर ली थी। बहरहाल, कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 20 नवंबर को तय की है।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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