Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जमानत के बाद भी जेल में क्यों रहेंगे बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी? शिक्षक भर्ती घोटाले में हुई गिरफ्तारी

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 06:33 PM (IST)

    कलकत्ता हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती अनियमितता से जुड़े मामलों में बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की पीठ ने उन्हें पासपोर्ट जमा करने और निचली अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर न जाने का निर्देश दिया। उन्हें किसी भी सार्वजनिक पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा। जमानत के बाद भी वह जेल में ही रहेंगे।

    Hero Image
    जमानत के बाद भी जेल में क्यों रहेंगे बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी? (फाइल)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शिक्षक भर्ती अनियमितता से जुड़े लगभग सभी मामलों में बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को शुक्रवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की पीठ ने जेल की शर्तों के अनुसार चटर्जी को अपना पासपोर्ट जमा करने और निचली अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर न जाने का निर्देश दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायमूर्ति घोष ने यह भी निर्देश दिया कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक एवं पूर्व मंत्री को मुकदमा लंबित रहने तक किसी भी सार्वजनिक पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा।

    शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में हुई थी गिरफ्तारी

    ईडी ने पार्थ को जुलाई 2022 में शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया था। ईडी के बाद सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार किया था। तब से वह जेल में हैं। चटर्जी पर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों, सहायक विद्यालय शिक्षकों और शिक्षा विभाग के अन्य पदों पर अयोग्य उम्मीदवारों की अवैध नियुक्तियां करने वाले रैकेट में शामिल होने का आरोप है। इससे पहले उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ईडी मामले में जमानत दी गई थी।

    उन्हें भर्ती भ्रष्टाचार से जुड़े सीबीआइ के एक मामले में भी जमानत मिल चुकी है। अब केवल प्राथमिक मामला ही बाकी है। पार्थ के वकील ने कहा कि अगर उनके मुवक्किल को इस प्राथमिक मामले में जमानत मिल जाती है, तो वह जेल से बाहर आ सकेंगे।

    जमानत के बाद भी जेल में ही रहेंगे पार्थ चटर्जी

    हालांकि सुप्रीम कोर्ट के एक मामले की शर्तों के कारण पार्थ फिलहाल जेल से रिहा नहीं हो पाएंगे। 18 अगस्त को पार्थ की जमानत मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जमानत देने से पहले निचली अदालत को चार हफ्तों के भीतर आरोप तय करने होंगे। इसके बाद दो महीने के भीतर महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज करने होंगे। उसके बाद ही निचली अदालत पार्थ को जमानत दे सकती है।

    यह भी पढ़ें- शिक्षक भर्ती घोटाला: मुश्किल में ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी, 15 करोड़ रुपये मांगने की ऑडियो क्लिप लगी CBI के हाथ