Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'कैदियों के पास मुचलका भरने के पैसे नहीं', संसद में पेश रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

    Updated: Tue, 11 Mar 2025 12:59 AM (IST)

    राज्यसभा में गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट पेश की गई। इसमें बताया गया है कि देशभर की जेलों में बंद 70 प्रतिशत कैदी अंडरट्रायल हैं। इनके पास जुर्माने की राशि भरने जितने भी पैसे नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन्हें जेल में रखने पर रिहाई के लिए आवश्यक जमानत राशि से कहीं अधिक धन खर्च करना पड़ रहा है।

    Hero Image
    राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोष बनाने की सलाह (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    पीटीआई, नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने यह पाया है कि देशभर की जेलों में बंद 70 प्रतिशत कैदी विचाराधीन हैं और मुचलका नहीं भरने या जुर्माना राशि अदा न कर पाने के कारण उन्हें रिहा नहीं किया जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गृह मामलों पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ड्रग्स का पता लगाने के लिए जेलों के प्रत्येक प्रवेश द्वार पर निगरानी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। राज्यसभा में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल प्रशासन ऐसे कैदियों को जेलों में रखने पर, उनकी रिहाई के लिए आवश्यक जमानत राशि से कहीं अधिक धन खर्च कर रहा है।

    राज्यों से कोष बनाने की अपील

    रिपोर्ट में कहा गया है कि गरीब कैदियों के लिए जुर्माना राशि के भुगतान के लिए आंध्र प्रदेश जेल विभाग द्वारा की गई पहल की तर्ज पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एक कोष बनाया जाना चाहिए।

    समिति ने कहा कि जेलों में ड्रग्स की तस्करी की चुनौतियों से निपटने के लिए भी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। इसने कहा कि जेल कर्मियों को इस समस्या से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी की मदद लेने की आवश्यकता है।

    जेलकर्मियों पर भी लगे आरोप

    • समिति ने पाया कि जेल के अंदर मोबाइल फोन आदि का इस्तेमाल कैदियों द्वारा जेल के बाहर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। कैदियों के पास मोबाइल फोन होने से जेल के अंदर गिरोहों के बीच झड़पें भी हो सकती हैं।
    • समिति ने पाया कि जेल कर्मी कैदियों को प्रतिबंधित वस्तुएं जेल के अंदर पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। इसने सिफारिश की कि जेलों में तलाशी के मानकों को बढ़ाया जाना चाहिए।

    यह भी पढ़ें: चम्मचों और लोहे के पाइपों से खूनी खेल, पटियाला सेंट्रल जेल में कैदियों के बीच ये क्या हुआ?