CAPF में महिलाओं की नियुक्ति बढ़ाने पर जोर, संसदीय समिति ने की किन्नरों को भी आरक्षण देने की सिफारिश
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व को इंगित करते हुए एक संसदीय समिति ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से उन्हें सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है। इसके अलावा किन्नरों के लिए भी आरक्षण की सिफारिश की है। समिति ने बताया कि महिलाओं के लिए केवल 3.65 प्रतिशत रिक्तियां ही भरी गई हैं।बीएसएफ व एसएसबी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 14 से 15 प्रतिशत है।
नई दिल्ली, पीटीआई। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व को इंगित करते हुए एक संसदीय समिति ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से उन्हें सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है। इसके अलावा किन्नरों के लिए भी आरक्षण की सिफारिश की है।
महिला प्रतिनिधित्व सिर्फ 3.76 प्रतिशत
समिति का कहना है कि महिला अधिकारियों के लिए एक ऐसी नीति पर विचार किया जा सकता है, जिसमें आसान पोस्टिंग दी जाए और उन्हें अत्यधिक कठिन कामकाजी परिस्थितियों का सामना न करना पड़े। भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली कार्मिक, लोक शिकायत, कानून व न्याय विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 30 सितंबर, 2022 तक सीएपीएफ व असम राइफल्स में महिला कर्मियों का प्रतिनिधित्व केवल 3.76 प्रतिशत है।
समिति ने अपने रिपोर्ट में क्या कहा?
समिति ने 131वीं रिपोर्ट में कहा कि महिलाओं को अधिकतम संभव सीमा तक सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए। एक बड़ी बाधा जो महिलाओं को सेना में शामिल होने से रोकती है वह कठिन इलाके और परिस्थितियां हैं, जिनमें उन्हें काम करना पड़ सकता है। इसलिए महिला अधिकारियों को शांत जगहों पर पोस्टिंग देने और उन्हें अत्यधिक कठोर व कठिन कामकाजी परिस्थितियों में न रखने की नीति पर विचार हो सकता है।
बीएसएफ में महिलाओं की प्रतिनिधित्व अधिक
समिति ने बताया कि महिलाओं के लिए केवल 3.65 प्रतिशत रिक्तियां ही भरी गई हैं। बीएसएफ व एसएसबी में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 14 से 15 प्रतिशत है। सीआइएसएफ में यह 6.35 प्रतिशत और आइटीबीपी में यह 2.83 प्रतिशत है।
किन्नरों को आरक्षण देने की सिफारिश
समिति ने यह भी सिफारिश की है कि किन्नरों को भी आरक्षण दिया जा सकता है। उनकी भर्ती के लिए भी कदम उठाए जा सकते हैं ताकि निकट भविष्य में उन्हें मुख्यधारा के साथ अच्छी तरह से एकीकृत किया जा सके। समिति ने कहा कि सीमावर्ती जिलों से अधिकतम संख्या में युवाओं की भर्ती करना सर्वोपरि है और छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वोत्तर राज्यों व कश्मीर के युवाओं के लिए एक विशेष अभियान की सिफारिश की गई।
मिशन मोड में हो भर्ती
समिति ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों व असम राइफल्स में सभी रिक्तियों को मिशन मोड पर भरने पर जोर दिया।