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    Parliament Winter Session: लेटरल एंट्री के तहत क्या नियुक्ति हुई है, संसद में आज क्या-क्या हुआ? पढ़ें दिनभर की कार्यवाही का ब्यौरा

    संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार को भी जारी रहा। आज लेटरल एंट्री हाई कोर्टों में जजों की नियुक्तियां अदाणी मामले समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। OCCRP यानी ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट का मुद्दा संसद में गूंजा। इस मुद्दे पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर जमकर बरसे। वहीं राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दूबे के बिगड़े बोल लेकर लोकसभा में हंगामा हुआ।

    By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 05 Dec 2024 10:30 PM (IST)
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    Parliament Winter Session: संसद को दोनों सदनों में आज कई मुद्दों पर चर्चा हुई।(फोटो सोर्स: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र जारी है। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही आज (गुरुवार) को भी जारी रही। वहीं, आज कई मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा। सरकार ने विपक्षी दलों के कई प्रश्नों का जवाब दिया। आइए पढ़तें हैं कि कि आज संसद में किन मुद्दों पर अहम चर्चा हुई।

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    लेटरल एंट्री के जरिये सरकारी विभागों में 63 विशेषज्ञों की नियुक्ति

    केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में लिखित उत्तर में बताया कि केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में 2019 से 2023 तक लेटरल एंट्री के माध्यम से 63 विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई है। इनमें से 35 विशेषज्ञों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था। शेष 28 को प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया गया।मंत्री ने कहा, विशिष्ट कार्यों के लिए विशेषज्ञों को नियुक्त करने के लिए 2018 से संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के स्तर पर लेटरल एंट्री के जरिये नियुक्ति की गई।

    2019 में आठ संयुक्त सचिवों की नियुक्ति की गई, जिनमें से पांच अनुबंध पर और तीन अन्य विशेषज्ञ सरकारी विभागों/संगठनों से प्रतिनियुक्ति के माध्यम से नियुक्त किए गए। 2021 में लेटरल एंट्री के जरिये तीन संयुक्त सचिव, 18 निदेशकों और नौ उप सचिवों को नियुक्त किया गया। इनमें से 14 अनुबंध पर और 16 प्रतिनियुक्ति के माध्यम से नियुक्त किए गए। 2023 में 25 ऐसे विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई, जिनमें तीन संयुक्त सचिव, 15 निदेशक और सात उप सचिव शामिल थे।

    देश में 350, इलाहाबाद हाई कोर्ट में जजों के 74 पद खाली

    केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि देश के सभी हाई कोर्टों में जजों के कुल 1114 पद हैं, जिनमें से करीब 350 पद रिक्त हैं। इसमें भी उत्तर प्रदेश स्थित इलाहाबाद हाई कोर्ट के सर्वाधिक जजों के 74 पद खाली हैं। कानून व न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल ने गुरुवार को कांग्रेस के अखिलेश प्रसाद सिंह के एक सवाल के जवाब में बताया कि जजों की सेवानिवृत्ति, इस्तीफे और पदोन्नति के बाद हाई कोर्ट के जजों के पद रिक्त हुए हैं।

    इसके अलावा, जजों की क्षमता बढ़ाने को मंजूरी मिलने के कारण भी कई स्थानों पर नए पद अभी तक भरे नहीं जा सके हैं। मेघवाल ने बताया कि हाई कोर्ट में जजों के पदों की निर्धारित संख्या 906 को बढ़ाकर 1,122 कर दिया गया है। हाई कोर्ट के 64 जजों को प्रोन्नत करके सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त कर दिया गया है और 999 जजों की विभिन्न हाई कोर्टों में नियुक्ति की गई है।

    संसद में गूंजा OCCRP का मुद्दा

    OCCRP यानी ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट का मुद्दा संसद में गूंजा। इस मुद्दे पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर जमकर बरसे। दरअसल, हाल के दिनों में फ्रांस के एक अखबार ने ओसीसीआरपी को लेकर एक रिपोर्ट छापी थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि ओसीसीआरपी की रिपोर्ट न्यूट्रल नहीं है। उन्होंने कहा कि जब भी संसद का सत्र चल रहा होता है, उसी समय विदेशों में कोई ना कोई रिपोर्ट सामने आ जा जाती है।

    अदाणी मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा

    अदाणी मुद्दे की जांच को लेकर संसद से सड़क तक मुखर लोकसभा में राहुल गांधी के सियासी अभियान को थामने के लिए भाजपा की ओर से नेता विपक्ष पर आपत्तिजनक निजी हमले के खिलाफ कांग्रेस ने लोकसभा में मुखर आवाज उठाते हुए इसका विरोध किया।

    नेता विपक्ष के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दूबे के बिगड़े बोल लेकर लोकसभा में हंगामा भी हुआ और कांग्रेस ने उनसे माफी की मांग करते हुए सदन की मर्यादा को लेकर स्पीकर ओम बिरला से शिकायत की।

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