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    Parliament Session: अनिश्चितकाल के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित, ओम बिरला बोले- 14वें सत्र में 74 फीसद हुआ कामकाज

    17वीं लोकसभा का चौदहवां सत्र गुरुवार को संपन्न हो गया। बता दें कि चार दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई थी और 21 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र के दौरान 55 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और नियम 377 के अधीन कुल 265 मामले उठाए गए।

    By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 21 Dec 2023 05:58 PM (IST)
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    अनिश्चितकाल के लिए लोकसभा की कार्यवाही स्थगित (फोटो: एएनआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 17वीं लोकसभा का चौदहवां सत्र गुरुवार को संपन्न हो गया। बता दें कि चार दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई थी और 21 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

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    लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने विदाई भाषण में सदन के कार्यों के संबंध में जानकारी देते हुए सदस्यों को सूचित किया कि 4 दिसंबर, 2023 को शुरू हुए सत्र के दौरान 14 बैठकें हुईं, जो लगभग 61 घंटे 50 मिनट तक चली। उन्होंने बताया कि लोकसभा के 14वें सत्र के दौरान सदन की उत्पादकता 74 फीसद रही। ओम बिरला ने यह जानकारी भी दी कि सत्र के दौरान 12 सरकारी विधेयक पुरःस्थापित किए गए और 18 विधेयक पारित किए गए।

    लोकसभा से पारित कुछ अहम विधेयक:

    1. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता , 2023
    2. भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता , 2023
    3. भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक, 2023
    4. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023
    5. दूरसंचार विधेयक, 2023

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    लोकसभा में कितना हुआ कामकाज?

    साल 2023-24 के लिए अनुदानों की पूरक मांगों को तथा साल 2020-21 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांगों को मतदान के उपरांत पारित किया गया। उन्होंने बताया कि सत्र के दौरान 55 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए और नियम 377 के अधीन कुल 265 मामले उठाए गए। सत्र के दौरान अविलंबनीय लोक महत्व के 182 मामले उठाए गए।

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    ओम बिरला ने सदन का ध्यान इस ओर दिलाया कि लोकसभा की विभागों से संबंधित स्थायी समितियों ने 35 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। निदेश 73क के अधीन 33 वक्तव्य दिए गए और संसदीय कार्य के संबंध में संसदीय कार्य मंत्री द्वारा दिए गए तीन वक्तव्यों सहित कुल 34 वक्तव्य दिए गए। ओम बिरला ने यह भी बताया कि सत्र के दौरान कुल 1930 दस्तावेज़ सभा के पटल पर रखे गए।