Parliament: संसद ने मणिपुर में छह महीने के लिए बढ़ाया राष्ट्रपति शासन, इंफाल में चलाए गए उग्रवाद विरोधी अभियान
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त के बाद छह महीने के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को संसद ने मंजूरी दे दी। पिछले सप्ताह लोकसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को मंगलवार को राज्यसभा ने भी मंजूरी दे दी। वहीं बिहार की मतदाता सूची मुद्दे पर जब विपक्षी सांसदों ने विरोध जारी रखा तो उपसभापति हरिवंश ने कहा यह वैधानिक प्रस्ताव है।

पीटीआई, नई दिल्ली। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त के बाद छह महीने के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को संसद ने मंजूरी दे दी। पिछले सप्ताह लोकसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को मंगलवार को राज्यसभा ने भी मंजूरी दे दी।
इस मामले पर विपक्षी सांसदों ने विरोध जारी रखा
बिहार की मतदाता सूची मुद्दे पर जब विपक्षी सांसदों ने विरोध जारी रखा, तो उपसभापति हरिवंश ने कहा, यह वैधानिक प्रस्ताव है। सांसदों के रूप में हम सभी को संवैधानिक प्रविधानों का पालन करना होगा। इनकी समयसीमा होती है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आरक्षण पर विवाद से संबंधित अदालत के आदेश के कारण मणिपुर में दो समुदायों के बीच दरार पैदा हो गई है। जो लोग इसे धार्मिक हिंसा कहते हैं, वे गलत हैं।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हुए आठ महीने
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू हुए आठ महीने हो गए हैं। हिंसा की केवल एक घटना सामने आई है। बाद में, राज्यसभा ने ध्वनिमत से प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस वर्ष फरवरी में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पद छोड़ने के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।
सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर चलाए उग्रवाद विरोधी अभियान
सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर 29 जुलाई से चार अगस्त के बीच उग्रवाद विरोधी कई अभियान चलाए। यह अभियान मणिपुर के बिष्णुपुर, चूड़चंदपुर, थौबल, इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्वी जिलों में चलाया गया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इन अभियानों में विभिन्न उग्रवादी संगठनों के 15 कैडरों को गिरफ्तार किया गया। 69 हथियार, 16 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस, ग्रेनेड, गोला-बारूद, रेडियो सेट और अन्य सामान बरामद किया गया। इसमें लूटे गए हथियार, शामिल हैं।
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