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    पेरिस में होने जा रहा AI एक्शन समिट, पीएम मोदी और इमैनुएल मैक्रों करेंगे अध्यक्षता

    Updated: Wed, 29 Jan 2025 11:58 PM (IST)

    पेरिस में होने जा रहे आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस एक्शन समिट में पीएम मोदी हिस्सा लेंगे। इस साल का सम्मेलन 10-11 फरवरी को होने वाला है। इसमें एआई को विकसित करने लागू करने व इसे निगमित करने पर चर्चा होगी। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ पीएम मोदी अध्यक्षता भी करेंगे। डीपसीक के लॉन्च होने के बाद से ही इस समिट का महत्व बढ़ गया है।

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    तीसरी बार होने जा रहा आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस एक्शन समिट (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन की आईटी कंपनी डीपसीक ने जिस तरह से पूरी दुनिया को चौंकाया है, उससे अगले महीने पेरिस में होने वाली आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस एक्शन समिट की अहमियत बढ़ गई है।

    इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी हिस्सा लेंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे। माना जा रहा है कि मोदी आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस (एआई) के नियमन को लेकर भारत की चिंताओं को एक बार फिर सामने रखेंगे।

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    डीपसीक ने बदला गेम

    जानकारों का कहना है कि एआई के खतरे और इससे जुड़ी नैतिकता पर अमेरिका व पश्चिमी देशों की तरफ से उठाए जाने वाले सवालों को लेकर चीन की एआई कंपनियां अभी तक खास तवज्जो नहीं देती थीं, लेकिन डीपसीक की लॉन्चिंग ने पूरा परिदृश्य बदल दिया है।

    ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर पेरिस में सभी सदस्य देशों के बीच एआई के नियमन को लेकर एक सर्वमान्य अंतरराष्ट्रीय समझौता करने की सहमति बनती है, तो चीन उस पर कैसा रुख अख्तियार करता है।

    एआई पर होगा तीसरा सम्मेलन

    • एआई पर एक वैश्विक गवर्नेंस व्यवस्था बनाने को लेकर यह तीसरा सम्मेलन है। मई, 2024 में दूसरा सम्मेलन दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में हुआ था, जिसमें भारत ने भी हिस्सा लिया था।
    • तब बैठक में एआई को लेकर एक गवर्नेंस व्यवस्था बनाने पर अंतरराष्ट्रीय समझौता हुआ था, जिसमें भारत ने भी हस्ताक्षर किए थे। सभी देशों ने एआई को ज्यादा से ज्यादा सुरक्षित और मानवता के लिए सहायक बनाने पर जोर दिया था।

    पीएम रखेंगे भारत का रुख

    इस साल का सम्मेलन 10-11 फरवरी को होने वाला है, जिसे एआई को विकसित करने, लागू करने व इसे निगमित करने को लेकर अभी तक का सबसे महत्वपूर्ण सम्मेलन बताया जा रहा है। मोदी की तरफ से इस मुद्दे पर भारत का रुख रखा जाएगा।

    माना जा रहा है कि पूर्व की तरह इस बार भी पीएम मोदी निकट भविष्य में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कुछ गिनी चुनी कंपनियों के वर्चस्व का मुद्दा उठाएंगे और इस बारे में वैश्विक रोडमैप बनाने पर जोर देंगे।

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