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    समुद्र में इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल... भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज का उद्घाटन कल; जानिए क्यों खास है पंबन पुल

    Updated: Sat, 05 Apr 2025 10:00 PM (IST)

    पंबन पुल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6 अप्रैल को तमिलनाडु के रामेश्वरम में करेंगे। यह पुल 100 वर्षों तक 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से रेलगाड़ियां चलाने के लिए सुरक्षित है। नवंबर 2024 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पांच सदस्यों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था जिसमें कई विशेषज्ञ शामिल थे। यह देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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    जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा पंबन पुल (फोटो: पीटीआई)

    एएनआई, चेन्नई। रेल, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिलान्तर्गत रामेश्वरम में पंबन पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज होगा, जो देश के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। 535 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना यह पुल, जंग से क्षतिग्रस्त हुए पुराने ढांचे की जगह लेगा। पीएम मोदी रामनवमी के अवसर पर इसका उद्घाटन करेंगे।

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    (फोटो: एएनआई)

    यह पुल मुख्य भूमि को चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक रामेश्वरम द्वीप से जोड़ता है। पुराने पुल को मूल रूप से मीटर गेज ट्रेनों के लिए बनाया गया था, जिसे ब्रॉड गेज यातायात के लिए मजबूत किया गया और 2007 में फिर से खोला गया। फरवरी, 2019 में रेल मंत्रालय ने पुराने ढांचे को बदलने के लिए एक नए पुल के निर्माण को मंजूरी दी।

    2.5 किलोमीटर से भी लंबा ब्रिज

    वैष्णव ने नवंबर, 2024 में एक्स पर अपने पोस्ट में कहा था, '1914 में निर्मित, पुराने पंबन रेल पुल ने 105 वर्षों तक मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ा। दिसंबर, 2022 में जंग लगने के कारण इसे बंद कर दिया गया। इसने आधुनिक नए पंबन पुल के लिए मार्ग प्रशस्त किया जो कनेक्टिविटी के एक नए युग को चिह्नित करता है।'

    (फोटो: पीटीआई)

    यह पुल 2.5 किमी से अधिक लंबा है और इसका निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) द्वारा किया गया। इसे तेज ट्रेनों और बढ़े हुए ट्रैफिक को संभालने के लिए डिजाइन किया गया है। भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धिरामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला नया पंबन पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के रूप में खड़ा है।

    कम मेंटेनेंस की होगी जरूरत

    • इसमें 99 स्पैन और 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन है जो 17 मीटर की ऊंचाई तक उठता है। वर्टिकल लिफ्ट स्पैन का वजन 660 मीट्रिक टन है। इससे निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करते हुए जहाजों की सुचारू आवाजाही की सुविधा मिलती है। स्टेनलेस स्टील सुदृढीकरण, उच्च श्रेणी के सुरक्षात्मक पेंट और पूरी तरह से वेल्डेड जोड़ों के साथ निर्मित, पुल में अधिक स्थायित्व और कम रखरखाव की आवश्यकता है।
    • इसे भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए दोहरी रेल पटरियों के लिए डिजाइन किया गया है। विशेष पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग इसे जंग से बचाती है, जिससे कठोर समुद्री वातावरण में दीर्घायु सुनिश्चित होती है। इसे स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है। यह पुल भारत के बढ़ते बुनियादी ढांचे के प्रतीक के रूप में खड़ा है और यह रामेश्वरम के पवित्र द्वीप से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा, जिससे हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए यात्रा अधिक सुगम हो जाएगी।

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