ऑपरेशन सिंदूर के बाद ISI ने भारत के खिलाफ तेज किया जासूसी का छद्म युद्ध, महिला जासूसों के निशाने पर हैं अधिकारी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जासूसी तेज कर दी है। ISI यूनिट 412 जिस पर सालाना 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं हनी ट्रैप के जरिए संवेदनशील जानकारी जुटा रही है। यह यूनिट सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर दुष्प्रचार फैलाती है और सरकारी अधिकारियों को फंसाने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल करती है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेनाओं के हाथों गहरे जख्म खाने के बाद पाकिस्तान ने जासूसी का छद्म युद्ध और तेज कर दिया है। पाकिस्तान की बदनाम खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने एक यूनिट 412 को भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां हासिल करने और दुष्प्रचार में झोंक दिया है। पिछले कुछ माह के दौरान भारत में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तारियों की संख्या में उछाल आया है।
पाकिस्तान इसके लिए सालाना 4,000 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम खर्च कर रहा है, वहीं अवाम बदहाल है और बड़ी संख्या में अपने भविष्य को लेकर निराश पाकिस्तानी देश छोड़ रहे हैं। कराची की यूनिट 412 ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में जासूसी और सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को हनी ट्रैप करके संवेदनशील जानकारी हासिल करने का काम करने वाली यूनिट 412 को फरीदकोट से हटा कर कराची शिफ्ट कर दिया गया है।
भारतीय एजेंसियों का अनुमान है कि पाकिस्तान 412 यूनिट पर सालाना 4,000 करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। इस रकम का इस्तेमाल भारतीयों को लालच देकर उनसे ऐसी जानकारियां हासिल करने में किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल करके भारत के रणनीतिक हितों को नुकसान पहुंचाया जा सके और उसकी छवि खराब की जा सके।
ऐसे काम करती है यूनिट
यूनिट 412 भारत में हनी ट्रैप रैकेट चलाती है। इसे भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का काम सौंपा गया है। यूनिट इंटरनेट मीडिया पर हजारों फर्जी अकाउंट चलाती है और इनके जरिए गलत जानकारी इंटरनेट मीडिया पर फैलाती है। इसने कई तरीकों का इस्तेमाल करते हुए बहुत से लोगों को अपने साथ जोड़ा है। इसमें पैसा देना, हनी ट्रैप और कभी-कभी धमकी देना शामिल है। यूनिट के साथ कई महिलाएं काम कर रही हैं, जिनको हिंदू नाम दिए गए हैं। इनका काम ऐसे अधिकारियों को फंसाना है, जिनसे संवेदनशील जानकारियां हासिल की जा सकती हैं।
आकर्षक महिलाओं को आर्मी और इससे जुड़े लोगों के आस-पास रहने को कहा गया है। इन महिलाओं का काम अधिकारियों के करीब जाना है और उनको हनी ट्रैप करके संवेदनशील जानकारियां हासिल करना है।
महिला जासूसों के निशाने पर हैं अधिकारी
पाकिस्तान ने इंटरनेट मीडिया को अपने खतरनाक मंसूबे पूरे करने का हथियार बना लिया है। अगर यूनिट 412 को लगता है कि कोई व्यक्ति उसके काम का हो सकता है तो वह महिला स्टाफ को उकसाने वाली फोटो पोस्ट करने और उस व्यक्ति को तब तक फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने का निर्देश देती है, जब तक कि फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न हो जाए।
ऐसा होने के बाद महिला उस व्यक्ति से दोस्ती करने का प्रयास करती है। फिर उसे हनी ट्रैप करके ब्लैकमेल किया जाता है और संवेदनशील जानकारियां निकाली जाती हैं। हाल में वर्षों में यूनिट 412 ने भारत में कई संपर्क बनाए हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और उत्तर प्रदेश में इस यूनिट से जुड़े लोग सबसे अधिक संख्या में पाए गए हैं।
सरकारी कर्मियों का ट्रैप में आना गंभीर मसला
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के मामलों में आम लोगों की गिरफ्तारी चिंताजनक है लेकिन आइएसआइ का सरकारी संस्थानों में काम कर रहे लोगों को ट्रैप करना ज्यादा गंभीर मसला है। इस वर्ष 22 अप्रैल को सीआरपीएफ के असिस्टेंट सब- इंस्पेक्टर मोती राम को जासूस के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) मोती राम से यह जानने का प्रयास कर रही है कि क्या उसने पहलगाम के बारे में आतंकियों को जानकारी दी थी। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि देश में पहले से काफी दिक्कतें हैं और उनको दूर करने की जरूरत है। दोनों देशों के बीच तनाव काफी अधिक है, ऐसे में संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तान जाना खतरनाक हो सकता है।
(समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)
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