पाकिस्तान को दर्द दे रहा 'ऑपरेशन सिंदूर' का घाव, भारतीय राजनयिकों को अखबार देना बंद; भारत ने बताया वियना संधि का उल्लंघन
भारत के सफल ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग पर कई पाबंदियां लगाई हैं जिनमें राजनयिकों को स्थानीय अखबारों की आपूर्ति रोकना शामिल है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यह कदम ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में उठाया गया है। भारत ने इस कार्रवाई को वियना संधि का उल्लंघन बताया है।

आईएएनएस, नई दिल्ली। भारत के सफल ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बुरी तरह झल्लाया हुआ है और इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब जून 2025 से इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग पर पाकिस्तान ने खास तरह की पाबंदियां लगा दी है।
इसमें सबसे अजीब पाबंदी है कि भारतीय राजनयिकों को स्थानीय अखबारों की सप्लाई रोक दी गई है। सूत्रों का कहना है कि यह कदम भारत क सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में उठाया गया है।
अखबार विक्रेताओं को निर्देश
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार ने स्थानीय अखबार विक्रेताओं को वितरकों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे भारतीय उच्चायोग को कोई भी अखबार या छपी हुई सामग्री न दें।
इस वजह से वहां तैनात भारतीय राजनयिकों को पाकिस्ता के स्थानीय समाचार, घटनाक्रम और मौजूदा हालात की जानकारी प्रिंट मीडिया से नहीं मिल पा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जानबूझकर उठाया गया कदम है, ताकि भारतीय अधिकारियों तक स्थानीय जानकारी न पहुंचे।
भारत का आरोप
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस कार्रवाई को जानबूझकर, सोची-समझी और वियना संधि के उल्लंघन जैसा बताया है। वियना कन्वेंशन ऑन डिप्लोमैटिक रिलेशंस के तहत, किसी भी देश में विदेशी राजनयिकों को सुरक्षित और सम्मानजनक तरीके से काम करने का अधिकारी है।
भारत का आरोप है कि पाकिस्तान लंबे समय से पारंपरिक कूटनीतिक तरीकों के बजाय इस तरह के गैर-राजनयिक तरीके अपनाता रहा है। यह विवाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद सामने आया है, जिसमें पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।
निलंबित है सिंधु जल संधि
इससे पहले, भारत-पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि निलंबित कि जा चुकी है। विश्लेषकों का कहना है कि अखबार रोकना जैसी पाबंदियां दोनों देशों के रिश्ते को और बिगाड़ सकती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।