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    चीन के रास्ते पर चला पाकिस्तान, नागरिकों की कर रहा डिजिटल निगरानी; ये लोग हैं टारगेट

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 10:22 PM (IST)

    एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान अपने नागरिकों की डिजिटल निगरानी कर रहा है और वह चीन की राह पर चल पड़ा है। राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनीतिक असंतुष्टों को निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तान ने चीन से निगरानी प्रणालियां फायरवाल और सेंसरशिप मॉडल लिए हैं। पाकिस्तान ने वेब मानिटरिंग सिस्टम 2.0 पेश किया है जो वेबसाइटों को ब्लॉक कर सकता है।

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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान चीन की राह पर चल पड़ा है। एक रिपोर्ट के अनुसार वह अपने नागरिकों की डिजिटल निगरानी कर रहा है।

    द मिल्ली क्रॉनिकल की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले ये प्रयास बिखरे हुए थे। जिनमें होटल के कमरों में जासूसी, लीक हुए फोन काल और कभी-कभार इंटरनेट ब्लैकआउट आदि शामिल थे। लेकिन, हाल के दिनों में यह नई तकनीकों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों द्वारा समर्थित अत्यधिक संगठित निगरानी प्रणाली में बदल गया है। इस परिवर्तन के केंद्र में पाकिस्तान की चीन पर बढ़ती निर्भरता है।

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    ऐसे बचाव करता है पाकिस्तान

    रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इन उपायों का बचाव करते हैं, लेकिन मुख्य लक्ष्य अक्सर पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और राजनीतिक असंतुष्ट होते हैं। बीजिंग न केवल एक वित्तीय और सैन्य साझेदार बन गया है, बल्कि उन उपकरणों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता भी बन गया है जो सरकारों को सूचना के प्रवाह को नियंत्रित करने की अनुमति देते हैं।

    पाकिस्तान ने चीन से लिया सेंसरशिप मॉडल

    चीन ने पाकिस्तान को निगरानी प्रणालियां, फायरवाल और सेंसरशिप मॉडल निर्यात किए हैं। पाकिस्तान ने 2023 में वेब मानिटरिंग सिस्टम 2.0 पेश किया, जिसे गीज नेटव‌र्क्स और सरकारी स्वामित्व वाली चाइना इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन जैसी चीनी कंपनियों के साथ मिलकर विकसित किया गया है।

    यह चीन के ग्रेट फायरवाल की तरह, वेबसाइटों को ब्लाक कर सकता है, वीपीएन का पता लगा सकता है और इंटरनेट ट्रैफिक को कम कर सकता है। इसे केवल सामग्री को सेंसर करने के बजाय असहमति को फैलने से पहले ही पहचानने और दबाने के लिए डिजाइन किया गया है।

    पाकिस्तान यूरोप निर्मित निगरानी प्रणालियों को भी अपना रहा है, जैसे कि लाफुल इंटरसेप्ट मैनेजमेंट सिस्टम, जो एक साथ लाखों लोगों की डिजिटल गतिविधियों पर नजर रख सकता है।

    (न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)

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