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    जब आतंकियों के सामने 'अल्लाह हू अकबर' चिल्लाने लगे पर्यटक... पहलगाम में दिखा ऐसा भयानक मंजर

    Updated: Thu, 24 Apr 2025 11:19 PM (IST)

    इस आतंकी हमले में गुजरात के एक पिता-पुत्र को एक साथ अपनी गंवानी पड़ी। वे आध्यात्मिक यात्रा पर कश्मीर गए थे। यतीश परमार और उनके बेटे स्मित भावनगर के उन 19 लोगों में शामिल थे जो 16 अप्रैल को श्रीनगर में मोरारी बापू के प्रवचन में भाग लेने के लिए कश्मीर गए थे। प्रवचन में भाग लेने के बाद वे मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम गए थे।

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    महिलाओं की आंखों के सामने ही पतियों को गोली मार दी गई (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जेएनएन, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित खून के प्यासे आतंकियों ने जिस तरह से निर्दोष लोगों का खून बहाया, उसका हिसाब-किताब तो कभी भी हो सकता है, लेकिन उन महिलाओं का सूना जीवन कैसे भरेगा जिनका जीवन अब पूरी तरह से अंधकारमय हो गया है।

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    उन माताओं का क्या होगा जिनके बुढ़ापे की लाठी ही टूट गई। उन बच्चों का क्या होगा जो अनाथ हो गए। खौफ और तबाही का वो ऐसा मंजर था कि हताशा में महिलाओं द्वारा 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाना भी काम न आया। उनकी आंखों के सामने ही पतियों को गोली मार दी गई।

    अल्लाह हू अकबर चिल्लाने लगे

    पहलगाम में हुए आतंकी हमले में महाराष्ट्र के भी कई लोग मारे गए हैं। मृतकों में पुणे के दो लोग कौस्तुभ गणबोटे और संतोष जगदाले शामिल हैं। कौस्तुभ गणबोटे की पत्नी ने ऐसी ही भयावहता साझा की। आतंकियों ने पूछा कि क्या हम अजान पढ़ सकते हैं। हताशा में हमने 'अल्लाहु अकबर' का नारा लगाना शुरू कर दिया। फिर भी उन्होंने हमारे पतियों को गोली मार दी।

    भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या ने पहलगाम आतंकी हमले में प्रभावित परिवारों की दिल को छू लेने वाली बातें की हैं। सूर्या ने बताया कि कैसे मंजूनाथ राव की पत्नी पल्लवी के सामने आतंकियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। अपने पति की यादों को संजोए रखने के लिए उनके खून से सने जैकेट को पल्लवी ने अपने पास रख लिया है।

    अब तक सदमे में हैं परिवार

    • इसी तरह उन्होंने एक अन्य पीड़ित भारत भूषण के तीन वर्षीय बेटे से जुड़ी भावनात्मक बातों को भी साझा किया। अपने पिता की मौत से अनजान भारत भूषण का तीन वर्षीय बेटा मौत को समझने के लिए बहुत छोटा है। वह उसी फ्लाइट में था, जिससे उसके पिता का शव लाया गया। वह उसी फ्लाइट में बैठकर मोबाइल से खेलते हुए अपनी मां को खिड़की से दूसरा हवाई जहाज दिखा रहा है।
    • सूरत के रहने वाले एक अन्य व्यक्ति सुरेश कलथिया भी अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ पहलगाम में छुट्टियां मना रहे थे। आंतकियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी पत्नी और बच्चे बच गए।

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