Pahalgam Terror Attack: पाकिस्तान के इशारों पर हुआ आतंकी हमला? कश्मीर को लेकर आतंकियों ने बनाई ये खौफनाक साजिश
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान की साजिश का खुलासा हुआ है। पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उलझाए रखने के लिए लगातार आतंकवाद का सहारा ले रहा है। पहलगाम हमले का मकसद कश्मीर में शांति के माहौल को खराब करना और पर्यटन को प्रभावित करना था। भारत सरकार ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के भारत दौरे के बीच पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमलों को पाकिस्तान की कश्मीर मुद्दे को अनसुलझा दिखाने की कायराना साजिश के रूप में देखा जा रहा है। इसके सहारे एक तरफ पाकिस्तान ने दुनिया के सामने यह साबित करने की कोशिश की है अनुच्छेद 370 खत्म होने और जम्मू-कश्मीर में शांति आने के बावजूद यह मुद्दा अब भी अनसुलझा हुआ है।
वहीं, दूसरी ओर बलूचिस्तान समेत दूसरे इलाकों में बढ़ते अलगाववाद व पाकिस्तान सेना के प्रति आम लोगों में बढ़ते अविश्वास को थामने की कोशिश की है।
पिछले कुछ साल में बदला कश्मीर का माहौल
दरअसल, कश्मीर घाटी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या, अलगाववादी हुर्रियत कॉफ्रेंस से जुड़े दलों का मोहभंग व मुख्यधारा में वापसी और निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव के माध्यम से उमर अब्दुल्ला सरकार की वापसी के बाद पूरी दूनिया में कश्मीर मुद्दे के खत्म होने का संदेश गया था।
भारत की ओर से कश्मीर विवाद को सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर की वापसी से जोड़कर पेश किया जा रहा था। आतंकी संगठनों में स्थायी युवाओं की लगभग नगण्य भागीदारी और नए युवाओं का अलगाववाद और आतंकवाद से मुंह मोड़ना जमीनी स्तर पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद और अलगाववाद की समाप्ति के संकेत दे रहे थे।
जम्मू और कश्मीर दोनों संभागों में पाकिस्तान सीमा पार से भेजे गए आतंकियों के भरोसे छिटपुट घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश कर रहा था।
जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ने की कोशिश
खासकर पर्यटकों की बढ़ती संख्या के कारण कश्मीर के लोगों को मिल रहे रोजगार और इससे खुशहाली ने पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। ऐसे में पर्यटकों को निशाना बनाकर पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के आर्थिक खुशहाली की कमर तोड़ने की कोशिश की है।
वहीं, दूसरी ओर कश्मीर में कायराना हमले के बाद भारत की ओर से कड़े जवाबी कार्रवाई की आशंका के बीच जनरल आसीम मुनीर पाकिस्तान में सेना की कमजोर होती पकड़ को एक फिर मजबूत करने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
पाक आर्मी चीफ ने हाल ही में भारत के खिलाफ उगला था जहर
जनरल मुनीर के तीन दिन पहले दिये भाषण में हिंदू-मुसलमान की अलग-अलग पहचान पर जोर देने को बिखरते पाकिस्तान को एकजुट करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा था। कश्मीर में आतंकी हमला को इसी रणनीति का हिस्सा है। खास बात यह है कि 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले के समय जनरल मुनीर ही आइएसआइ के प्रमुख थे।
भारत की ओर से जवाबी कार्रवाई में एयर स्ट्राइक किये जाने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन्हें हटा दिया था। अब सेनाध्यक्ष के रूप में जनरल मुनीर के पुराना मंसूबा फिर सामने आ गया है। ध्यान देने की बात है कि इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के भारत दौरे के दौरान 2000 में पाकिस्तान ने चित्त¨सहपुरा में सिखों पर आतंकी हमला की साजिश कर कश्मीर मुद्दे को गर्माने की साजिश की थी।
इस हमले में 36 निर्दोष सिख मारे गए थे। अब उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की भारत यात्रा के बीच पहलगांव में पर्यटकों में हमले की साजिश की गई। लेकिन पाकिस्तान को 2000 और 2025 के बीच अंतर को समझना होगा। 2001 के न्यूयार्क के ट्विन टावर पर हमले के पहले अमेरिका का रूख आतंकवाद को लेकर कड़ा नहीं था।
लेकिन इजरायल में हमास के आतंकी हमले के बाद ईरान को छोड़कर कोई भी हमास के साथ खड़ा नहीं दिखा। पहलगाम हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को भी हमास जैसी स्थिति का सामना करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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