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    पहलगाम हमले के बाद UNSC का बयान...और एयर स्ट्राइक, भारत ने कहा-'और भी हमले की तैयारी में थे आतंकी'

    Updated: Wed, 07 May 2025 04:25 PM (IST)

    Operation Sindoor UNSC के बयान के बाद भारत ने आतंकियों के खिलाफ की बड़ी कार्रवाई की है। विदेश सचिव ने बताया कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी और हमलों की तैयारी में थे। भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया। यह कार्रवाई आतंकवाद को रोकने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए जरूरी थी।

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    भारतीय सेना ने दिया ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पाकिस्तान (Pakistan) पोषित आतंकवादी पहलगाम के बाद भारत के कुछ दूसरे शहरों में आतंकी हमलों की तैयारी में थे। इस बारे में ठोस खुफिया सूचना भारत (India) के पास थी और यह एक बड़ी वजह रही है कि भारतीय सेना ने आपरेशन सिंदूर को मंगलवार आधी रात के बाद अंजाम दिया। यह जानकारी विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने आपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद बुधवार सुबह बुलाई गई प्रेस वार्ता में दी।

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    पाकिस्तान के आतंकी चेहरा की कलई खुली

    भारत ने इस हमले के लिए 25 अप्रैल, 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की तरफ से जारी बयान में पहलगाम हमले (Pahalgam Attack) के दोषियों पर कार्रवाई का संकेत दिया था। विदेश सचिव के इस बयान के जरिए भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को विस्तार से दुनिया के सामने रखा है। मिसरी ने कहा कि खुफिया निगरानी ने यह संकेत दिया है कि भारत के विरुद्ध आगे भी हमले हो सकते हैं अतः इनको और उनसे निपटना बेहद आवश्यक समझा गया है।

    पहलगाम हमले को बर्बरतापूर्ण और उसके पीछे पाकिस्तान की साजिश की पोल खोलते हुए मिसरी ने कहा कि,

    “पहलगाम में मौजूद लोगों को करीब से और उनके परिवारों के सामने सिर पर गोली मारी गई। हत्या के इस तरीके से परिवार के सदस्यों को जानबूझकर आघात पहुंचाया गया, साथ ही उन्हें यह नसीहत भी दी गई कि वे वापस जाकर इस संदेश को पहुंचा दें।”

    पहलगाम अटैक के पीछे पाक की थी ये मंशा?

    साथ ही इसका उद्देश्य जम्मू व कश्मीर (jammu and kashmir) में सामान्य स्थिति बहाली को बाधित करना और पर्यटन पर प्रतिकूल असर डालना था। मिसरी ने कहा कि, “इस हमले का मुख्य उद्देश्य इसलिए संभवतः यह था कि इस संघ राज्य क्षेत्र में विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर इसे पिछड़ा बनाए रखा जाए और पाकिस्तान से लगातार होने वाले सीमा पार आतंकवाद के लिए उपजाऊ जमीन बनाने में सहायता की जाए। हमले का यह तरीका जम्मू और कश्मीर और शेष राष्ट्र, दोनों में सांप्रदायिक दंगे भड़काने के उद्देश्य से भी प्रेरित था”

    पहलगाम हमले के बाद भारत की रणनीति के बारे में मिसरी ने कहा कि मिसरी ने कहा कि, “भारत ने आज सुबह सीमा पार हमलों का जवाब देने, उनका प्रतिरोध करने व रोकने के अपने अधिकार का प्रयोग किया है। यह नपी-तुली, अनुपातिक व जिम्मेदारीपूर्ण है। यह आतंक की इंफ्रास्ट्रक्चर को समाप्त करने और भारत में भेजे जाने वाले संभावित आतंकवादियों को अक्षम बनाने के लिए की गई है। हमारी खुफिया निगरानी ने यह संकेत दिया है कि भारत के विरुद्ध आगे भी हमले हो सकते हैं अतः इनको और उनसे निपटना बेहद आवश्यक समझा गया है।”

    क्यों की गई एयर स्ट्राइक, विदेश सचिव ने बताया

    पहलगाम हमले के बाद देश के भीतर गुस्से और पाकिस्तान की तरफ से इस घटना में किसी तरह के हाथ होने से साफ तौर पर इनकार करने और उल्टा भारत पर ही आरोप लगाने का भी जिक्र विदेश सचिव के बयान में है। उन्होंने कहा कि, “एक पखवाड़े बीत जाने के बावजूद पाकिस्तान की तरफ से अपने भौगोलिक क्षेत्र में छिपे आतंकियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा वह दूसरों पर आरोप लगाने और उक्त घटना से इनकार करता रहा। आपको यह भी स्मरण होगा कि 25 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम आतंकवादी हमले पर एक प्रेस वकतव्य जारी किया था, जिसमें ‘आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता’ पर ज़ोर दिया गया था।”

    पहलगाम हमले की जिम्मेदारी लेने वाला संगठन द रेसिसटेंस फोर्स (TRF) को संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आंतकवादी घोषित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटे के तौर पर चिन्हित करते हुए विदेश सचिव ने कहा कि, “भारत ने मई और नवंबर, 2024 में आतंकवादी गतिविधियों की निगरानी करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष समिति को टीआरएफ के बारे में जानकारी दी थी। इसमे बताया गया था कि पाकिस्तान पोषिद आतंकवादी संगठनों के मुखौटे के तौर पर यह काम कर रहा है।

    आतंकवादियों के लिए जन्नत क्यों है पाकिस्तान?

    इसके पहले भी भारत ने दिसंबर, 2023 में यूएन को बताया था कि कैसे लश्कर और जैश जैसे आतंकवादी संगठन टीआरएफ जैसे छोटे आतंकी संगठनों के जरिए अपना काम कर रहे हैं। यह इस बात से भी साबित होता है कि पाकिस्तान ने अप्रैल, 2025 में यूएन की सूची से टीआरएफ को हटाने के लिए दबाव बनाया था। पाकिस्तान पहले से ही आतंकवादी संगठनों को पनाह देने वाले देश के तौर पर चिन्हित है। दूसरी तरफ पाकिस्तान विश्व बिरादरी और वैश्विक संगठनों को इस बारे में गुमराह करता है।”

    मिसरी ने कहा कि, पाकिस्तान दुनिया भर में आतंकवादियों के लिए एक शरण स्थल के रूप में पहचान बना चुका है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी सजा पाने से बचे रहते हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर विश्व और फाइनेन्सियल ऐक्शन टास्क फोर्स जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों को जानबूझकर गुमराह करने के लिए भी जाना जाता है। साजिद मीर का मामला, जिसमें इस आतंकवादी को पाकिस्तान ने मृत घोषित कर दिया था और फिर, अंतरराष्ट्रीय दबाव के परिणाम स्वरूप, वह जीवित पाया गया, इसका सबसे स्पष्ट उदाहरण है।

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