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    Padma Shri Scientist Subbanna Ayyappan: कावेरी नदी में मिला आइसीएआर के पूर्व प्रमुख अय्यप्पन का शव, आत्महत्या की आशंका

    Updated: Sun, 11 May 2025 08:50 PM (IST)

    पद्मश्री विजेता और आइसीएआर के पूर्व प्रमुख सुब्बन्ना अय्यप्पन (70) का शव कावेरी नदी में सड़ी हालत में मिला। 7 मई से लापता अय्यप्पन के स्कूटर नदी किनारे मिले। पुलिस को आत्महत्या की आशंका है लेकिन जांच जारी है। नीली क्रांति के जनक अय्यप्पन मैसुरु के रामकृष्ण आश्रम और साईं बाबा आश्रम में ध्यान करते थे। शव का पोस्टमॉर्टम हो रहा है।

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    पद्मश्री वैज्ञानिक सुब्बन्ना अय्यप्पन का शव बरामद, पुलिस जांच में जुटी।

    पीटीआई, मांड्या। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के पूर्व महानिदेशक और पद्मश्री से सम्मानित सुब्बन्ना अय्यप्पन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनका शव सड़ी गली हालत में श्रीरंगपट्टनम के पास कावेरी नदी में मिला। शनिवार को जब लोगों ने शव नदी में तैरता हुआ देखा तो शव को बाहर निकाला गया। 70 वर्षीय अय्यप्पन सात मई से लापता थे। उनके परिवार ने मैसुरु के विद्यारण्यपुरम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।

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    अय्यप्पन आइसीएआर का नेतृत्व करने वाले पहले ऐसे विज्ञानी थे जो फसलों के विशेषज्ञ नहीं थे। वह एक्वाकल्चर (जलीय कृषि) विज्ञानी थे। उन्होंने भारत की 'नीली क्रांति' में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विज्ञान और इंजीनियरिंग में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

    पुलिस के अनुसार, अय्यप्पन का स्कूटर नदी किनारे पर लावारिस हालत में मिला। प्रारंभिक जांच के अनुसार आशंका है कि अय्यप्पन ने श्रीरंगपट्टनम में साईं बाबा आश्रम के पास नदी में छलांग लगाई होगी। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस ने कहा कि मृत्यु का कारण पूरी जांच के बाद ही पता चल सकेगा।अय्यप्पन मैसुरु के निवासी थे।

    परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि अय्यप्पन अक्सर ध्यान के लिए कावेरी नदी के किनारे जाते थे। वे मैसुरु के रामकृष्ण आश्रम भी अक्सर जाया करते थे। डा. अय्यप्पन 2016 तक आइसीएआर प्रमुख रहे। उन्हें 2013 में कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जलीय कृषि विज्ञानी के रूप में, अय्यप्पन ने दिल्ली, मुंबई, भोपाल, बैरकपुर, भुवनेश्वर और बेंगलुरु सहित कई शहरों में काम किया। उन्होंने भुवनेश्वर में सेंटर इंस्टीट्यूट आफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर (सीआइएफए) और मुंबई के केंद्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान (सीआइएफई) के निदेशक के रूप में कार्य किया।

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