पाकिस्तान के परमाणु जखीरे तक पहुंच गई थी भारत की ब्रह्मोस मिसाइल, सहम गया था आसिम मुनीर; अब धमकी नहीं देगा Pak
10 मई की सुबह भारत ने नूर खान एयरबेस पर सटीक हमला किया। माना जा रहा है कि इस हमले में ब्रम्होस मिसाइल का इस्तेमाल किया गया था। पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को धत्ता बताकर किये गए हमले ने नूर खान एयरबेस में भारी तबाही मचाई। इसी हमले ने पाकिस्तान सेनाध्यक्ष जनरल मुनीर से लेकर सेना के शीर्ष अधिकारियों और राजनीतिक आकाओं में सिहरन पैदा कर दी।

नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। भारतीय हमले की जद में परमाणु जखीरे के आने से घबराया पाकिस्तान भले ही अमेरिका की मदद से सीजफायर कराने में सफल रहा हो, लेकिन उसके लिए आगे की राह आसान नहीं होगी। पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर से सटे नूर खान एयरबेस के पास ही पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर है।
भारत के सटीक हमले में नूर खान एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया। परमाणु कमांड सेंटर के भारतीय मिसाइल के जद में आने के खतरे में पाकिस्तानी सेना में कंपकपी पैदा कर दी। सीजफायर के बाद भी भारत की ओर से सिंधु जल समझौते को निलंबित करने से लेकर लंबे समय तक कूटनीतिक और आर्थिक नाकेबंदी पाकिस्तान के लिए घातक साबित होगा।
नूर खान एयरबेस में एयर मोबिलिटी कमांड सेंटर
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार जिस परमाणु जखीरे पर पाकिस्तान को नाज था और भारत को बार-बार गीदड़ भभकी देता था, वह भारतीय मिसाइलों की जद में आ गया था। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर रावलपिंडी के चकलाला में नूर खान एयरबेस है। यहां पर पाकिस्तानी एयरफोर्स का एयर मोबिलिटी कमांड का सेंटर है।
रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर से सटे इस अहम एयरबेस से सभी लड़ाकू विमानों और ड्रोन हमलों का नियंत्रण किया जाता है। पिछले दिनों भारत में हुए मिसाइल और ड्रोन हमले इसी एयरबेस से किये गए थे। इसी के पास नेशनल कमांड अथोरिटी की बिल्डिंग भी है, जो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की देखरेख करता है। इसे पाकिस्तान का परमाणु कमांड सेंटर भी कहा जाता है।
पाकिस्तान को सताने लगा था डर
- परमाणु कमांड सेंटर के नष्ट होने के बाद पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं कर सकता है, जिसकी धमकी वह भारत को लगातार देता रहा है और 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद से ही परमाणु युद्ध की धमकी दिखाकर दुनिया से भारत को रोकने की अपील करता रहा है। लेकिन पहली बार पाकिस्तान को अहसास हुआ कि भारत उसके परमाणु हथियारों को नाकाम करने में भी सक्षम है।
- नूर खान एयरबेस पर हमले के एक दिन पहले भी भारत रावलपिंडी पर ड्रोन हमला करने में सफल रहा था। पाकिस्तान की ओर से बताया गया कि ड्रोन रावलपिंडी स्टेडियम पर गिरा। लेकिन असल में जिस जगह पर ड्रोन गिरा उसके पास आईएसआई के कश्मीर डिवीजन का दफ्तर है। जाहिर है भारत ने दिखा दिया कि पाकिस्तानी सेना के हेडक्वार्टर समेत तमाम सैन्य ठिकाने भारतीय मिसाइलों की जद में हैं, वह कहीं भी सटीक हमला कर सकता है।
- सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इसी के बाद पाकिस्तान ने तत्काल अमेरिका से भारत को किसी भी स्थिति में रोकने की गुहार लगाई। पाकिस्तान चाहता था कि अमेरिका तत्काल सीजफायर सुनिश्चित करे। अमेरिका से उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो सक्रिय हुए भारत को सीजफायर के तैयार करने में सफल रहे।
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