Move to Jagran APP

मसाला कंपनी MDH के मालिक धर्मपाल गुलाटी का निधन, जीत ली थी कोरोना से जंग

पिछले दिनों धर्मपाल गुलाटी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। हालांकि कोरोना से उन्‍होंने जंग जीत ली थी। धर्मपाल गुलाटी को पद्मभूषण से नवाजा जा चुका है। गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था।

By Tilak RajEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 08:50 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 12:18 PM (IST)
धर्मपाल गुलाटी का का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था

नई दिल्‍ली, एएनआइ। महाशिया दी हट्टी (MDH) मसाला कंपनी के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्‍होंने आज सुबह 5 बजकर 38 मिनट पर अंतिम सांस ली। पिछले दिनों धर्मपाल गुलाटी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। हालांकि, कोरोना से उन्‍होंने जंग जीत ली थी। बताया जा रहा है कि हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ है। धर्मपाल गुलाटी को पद्मभूषण से नवाजा जा चुका है। गुलाटी का जन्म 27 मार्च, 1923 को सियालकोट (पाकिस्तान) में हुआ था।

loksabha election banner

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने धर्मपाल गुलाटी को याद करते हुए लिखा- 'पद्म भूषण से सम्मानित, 'महाशयां दी हट्टी' (एमडीएच) के अध्यक्ष श्री धर्मपाल गुलाटी जी के निधन से दुःख हुआ। वे भारतीय उद्योग जगत के एक प्रसिद्ध व्यक्तित्व थे। समाज सेवा के लिए किये गए उनके कार्य भी सराहनीय हैं। उनके परिवार व प्रशंसकों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं।'

गृह मंत्री अमित शाह ने धर्मपाल गुलाटी को परिश्रम के एक अद्भुत प्रतीक बताते हुए लिखा- 'सौम्य व्यक्तित्व के धनी महाशय धर्मपाल जी संघर्ष और परिश्रम के एक अद्भुत प्रतीक थे। अपनी मेहनत से सफलता के शिखर को प्राप्त करने वाले धर्मपाल जी का जीवन हर व्यक्ति को प्रेरित करता है। प्रभु उनकी दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें व उनके परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति दें।ॐ शान्ति'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने धर्मपाल गुलाटी के निधन पर दुख जाहिर करते हुए लिखा, भारत के प्रतिष्ठित कारोबारियों में से एक महाशय धर्मपालजी के निधन से मुझे दुःख की अनुभूति हुई है। छोटे व्यवसाय से शुरू करने बावजूद उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई। वे सामाजिक कार्यों में काफ़ी सक्रिय थे और अंतिम समय तक सक्रिय रहे। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ।

प्रियंका गांधी ने धर्मपाल गुलाटी के निधन पर दुख जताते हुए, अपनी एक तस्‍वीर साझा की है। इस तस्‍वीरें में वह धर्मपाल गुलाटी के साथ बैठी नजर आ रही हैं।

धर्मपाल गुलाटी को व्यापार और उद्योग में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए पिछले साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से नवाजा था। वह जब बंटवारे के बाद भारत आए थे, तब उनके पास सिर्फ 1,500 रुपये थे। भारत आकर उन्होंने परिवार के पेट पालने के लिए तांगा भी चलाया। इसके बाद उन्‍होंने दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान खोली।

मसाले का कारोबार धीरे-धीरे बढ़ता चला गया और आज उनकी भारत और दुबई में मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं। एक खास बात यह है कि वह अपने मसालों के विज्ञापन भी खुद ही किया करते थे। उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज विज्ञापन स्टार माना जाता था।

ये भी पढ़ेंःसंघर्षों के साथ शुरू हुए सफर को बुलंदियों तक पहुंचाया महाशय धर्मपाल ने

सिर्फ 5वीं पास थे धर्मपाल गुलाटी

अपने क्षेत्र के मास्‍टर धर्मपाल गुलाटी सिर्फ पांचवीं पास थे। उनका मन पढाई-लिखाई में बचपन से ही नहीं लगता था, जबकि उनके पिता चुन्नीलाल चाहते थे कि वह खूब पढ़ें। लेकिन पिता की चाहत पूरी नहीं हुई और 5वीं के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया था फिर पिता के साथ दुकान पर बैठने लगे थे। धर्मपाल गुलाटी के पिता चुन्नी लाल ने उन्हें एक बढ़ई की दुकान पर काम सीखने के लिए लगा दिया, लेकिन धर्मपाल का मन नहीं लगा और उन्होंने वह काम भी नही सीखा। इस पर पिता ने धर्मपाल के लिए एक मसाले की दुकान खुलवा दी।

यह भी देखें: MDH मसाला कंपनी के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का 98 साल की उम्र में निधन

इसे भी पढ़ें- MDH के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी जब भी चंडीगढ़ आए, खास दोस्त से मिलने सेक्टर-19 जरूर जाते थे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.