Overthinking में समय बर्बाद कर रहे भारतीय, हर दिन 3 घंटे से ज्यादा सोचने में जा रहा; रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
एक सर्वेक्षण के अनुसार भारतीयों को अत्यधिक सोचने की आदत है और वे इससे निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद ले रहे हैं। तीन में से एक भारतीय व्यंजन चुनने या उपहार खरीदने जैसे निर्णय लेने में एआई का उपयोग कर रहा है। सेंटर फ्रेश और यूगोव की रिपोर्ट के अनुसार बड़ी संख्या में भारतीय चैटजीपीटी और गूगल जैसे एआई प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारतीयों को जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत है। एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है कि अत्यधिक सोचने से निपटने के लिए भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई प्रौद्योगिकी की मदद ले रहे हैं। रेस्तरां में कोई व्यंजन चुनते समय या उपहार खरीदने का निर्णय लेने के लिए तीन में से एक भारतीय एआई की मदद ले रहे हैं।
सेंटर फ्रेश और यूगोव की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में भारतीय एआई प्लेटफॉर्म चैटजीपीटी और सर्च इंजन गूगल का उपयोग निर्णयों को लेकर उलझन सुलझाने में कर रहे हैं। सर्वेक्षण में 2,100 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया।
प्रतिदिन तीन घंटे से अधिक ओवरथिंकिंग
सर्वेक्षण से पता चला कि 81 प्रतिशत भारतीय प्रतिदिन तीन घंटे से अधिक समय जरूरत से ज्यादा सोचने में बिताते हैं। चार में से एक व्यक्ति ने स्वीकार किया कि उन्हें जरूरत से ज्यादा सोचने की आदत है। इंडिया ओवरथिंकिंग रिपोर्ट के अनुसार, तीन में से एक व्यक्ति ने ओवरथिंकिंग या जरूरत से ज्यादा सोचने की समस्या से निपटने के लिए गूगल या चैटजीपीटी का उपयोग किया है।
इनमें छोटे संदेश को डिकोड करने से लेकर उपहार खरीदने का निर्णय लेने तक शामिल है। सर्वेक्षण में देशभर के छात्र, पेशेवर और स्वरोजगार करने वाले लोग शामिल थे, जिसमें टियर 1, 2 और 3 शहरों को शामिल किया गया था। सर्वे में शामिल लोगों ने भोजन और जीवनशैली की आदतें, डिजिटल और सामाजिक जीवन, डेटिंग और रिश्ते तथा करियर और पेशेवर जीवन से संबंधित सवालों पर उत्तर दिए।
सर्वेक्षण से पता चला कि भारत में जरूरत से अधिक सोचना दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया है। सर्वेक्षण में 63 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि किसी रेस्तरां में व्यंजन चुनना किसी राजनीतिक नेता को चुनने से भी अधिक तनावपूर्ण होता है।
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