'विकसित भारत शिक्षा बिल' पर विपक्ष का विरोध, हिंदी नाम पर जताई आपत्ति; सदन में हुआ हंगामा
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक पेश किया, जिसका विपक्षी सांसदों ने हिंदी नाम को लेकर विरोध किया। आरएसप ...और पढ़ें
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विपक्षी सांसदों ने विधेयक के हिंदी नाम पर आपत्ति जताई (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में विकसित भारत शिक्षा अधिष्ठान विधेयक पेश किया। विपक्षी सांसदों ने सोमवार को विधेयकों के हिंदी नाम को लेकर विरोध जताया। विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए आरएसपी (ए) नेता एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि उनके लिए इसका नाम उच्चारण करना भी मुश्किल है।
उन्होंने तर्क दिया कि विधेयकों का हिंदी में नामकरण संविधान के अनुच्छेद 348(ख) का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि विधेयकों के नाम अंग्रेजी में होने चाहिए। कांग्रेस सदस्य ज्योतिमणि और डीएमके सदस्य टीएम सेल्वगनपति ने भी विधेयक के नाम पर आपत्ति जताई।
किस बात पर जताया विरोध?
ज्योतिमणि ने कहा, ''मैं इसे हिंदी थोपने के रूप में देखती हूं। तमिलनाडु को पहले ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में तीन-भाषा नीति का विरोध करने के कारण एसएसए निधि से वंचित कर दिया गया है।'' डीएमके नेता टी आर बालू ने दक्षिणी राज्यों पर हिंदी थोपने की बात कह इसका विरोध किया।
इससे पहले, विपक्ष ने भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर लाए गए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय सुरक्षा विधेयक के नामों पर आपत्ति जताई थी। सरकार को इसी तरह के विरोध का सामना तब भी करना पड़ा था, जब उसने 1934 के विमान अधिनियम के स्थान पर लाए गए भारतीय वायुयान कानून विधेयक को पेश किया था।

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