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    सतारा: महिला डॉक्टर सुसाइड केस में विपक्ष ने की SIT गठित करने की मांग, सरकार पर साधा निशाना 

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 08:32 PM (IST)

    महाराष्ट्र के सातारा जिले में एक महिला डॉक्टर की आत्महत्या के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्ष ने इस मामले में एसआईटी गठित करने की मांग की है, आरोप है कि महिला डॉक्टर को एक पुलिस अधिकारी और एक इंजीनियर ने प्रताड़ित किया था। विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। नेताओं ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने की भी मांग की है।

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    सतारा मामले पर विपक्ष ने साधा सरकार पर निशाना।

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। सातारा जिले में 28 वर्षीय महिला डॉक्टर की कथित आत्महत्या के मामले में विभिन्न दलों के नेताओं ने एसआईटी गठित कर स्वतंत्र जांच की मांग की है। बीड जिले की निवासी और फलटन के एक सरकारी अस्पताल में तैनात महिला डॉक्टर गुरुवार रात एक होटल के कमरे में फंदे से लटकी पाई गई थी।

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    अपनी हथेली पर लिखे सुसाइड नोट में उसने आरोप लगाया है कि सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदाने ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया, जबकि सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत बनकर ने उसे मानसिक रूप से परेशान किया। दोनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।

    विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना

    विपक्ष ने इस घटना को लेकर महायुति सरकार पर निशाना साधा, वहीं राज्य के मंत्रियों का कहना है कि पुलिस निष्पक्ष और विस्तृत जांच करेगी। राज्य के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा है कि यदि महिला के विशेष उपनाम के कारण वरिष्ठ अधिकारियों ने उसकी शिकायतों को नजरंदाज किया है, जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है तो यह एक गंभीर मामला है।

    बता दें कि दिवंगत महिला डॉक्टर धनंजय मुंडे के क्षेत्र बीड की मूल निवासी है। मुंडे ने कहा कि पूरी घटना की एसआईटी से जांच होनी चाहिए और मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह इन मांगों को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखेंगे।

    विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व नेता दानवे ने महिला के मराठवाड़ा मूल का होने का हवाला देते हुए कहा कि मराठवाड़ा की इस बेटी की आत्महत्या, जिसने जन्म से ही संघर्ष करके जीवन में उन्नति की है, यह दर्शाती है कि रक्षक ही भक्षक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए सातारा जिले के बाहर के अधिकारियों की एक स्वतंत्र जांच समिति गठित की जानी चाहिए।

    महाराष्ट्र विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे ने कहा कि डॉक्टर की आत्महत्या चिंता का विषय है। यह एक गंभीर मुद्दा है। मैंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

    पंकजा मुंडे ने क्या कहा?

    बीड जिले की ही निवासी महाराष्ट्र की कैबिनेट मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि इस घटना में कोई 'मीडिया ट्रायल' नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा मुझे विश्वास है कि मुख्यमंत्री फडणवीस, जिनके पास गृह विभाग भी है, इस मामले में विस्तृत फोरेंसिक जांच सहित पूरी जांच सुनिश्चित करेंगे।

    स्वास्थ्य राज्य मंत्री मेघना बोर्डिकर ने कहा कि उन्होंने सातारा के सिविल सर्जन से बात की, और उन्हें बताया गया कि डॉक्टर ने कभी भी किसी उत्पीड़न की शिकायत नहीं की थी। चिकित्सक की आत्महत्या को गंभीर घटना बताते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि यह राज्य में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को उजागर करता है।

    सावंत ने आरोप लगाया कि फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रही है। विपक्षी शिवसेना यूबीटी प्रवक्ता सुषमा अंधारे ने भी मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र एसआईटी गठित करने की मांग की है।

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