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    ऑपरेशन सिंदूर और विकास को एक साथ शोकेस करेगी मोदी सरकार, विपक्ष को जवाब देने की रणनीति तैयार

    Updated: Sun, 18 May 2025 02:09 AM (IST)

    जातिवार जनगणना के बीच ऑपरेशन सिंदूर ने देश का सियासी माहौल बदल दिया है। भाजपा तिरंगा यात्रा और कांग्रेस जय हिंद सभा कर रही है। मोदी सरकार विकसित भारत के संकल्प और राज्यों के साथ विकास योजनाओं पर ज़ोर दे रही है। सरकार ऑपरेशन सिंदूर के परिणामों को राष्ट्रवाद के रूप में पेश कर रही है। विपक्ष सीजफायर जैसे मुद्दों को उठा रहा है।

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    भाजपा देशभर में तिरंगा यात्रा निकाल रही है तो कांग्रेस जय हिंद सभा करने जा रही है। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जातिवार जनगणना पर महीनों से चल रही सियासी कबड्डी के बीच ऑपरेशन सिंदूर ने फिलहाल तो देश और राजनीति का मूड-मिजाज पूरी तरह बदल दिया है। यही कारण है कि भाजपा देशभर में तिरंगा यात्रा निकाल रही है तो कांग्रेस जय हिंद सभा करने जा रही है।

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    इस बीच मोदी सरकार भी पूरी तरह तैयार है। वह विकसित भारत के संकल्प को लेकर अपनी सभी राज्यों के साथ एकजुट प्रतिबद्धता जताते हुए तमाम योजनाओं की प्रगति के सहारे विकास का शोकेस दिखाना चाहती है तो साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के सार्थक परिणामों को विमर्श में लाकर राष्ट्रवाद की झांकी दिखाने का भी प्रयास है।

    विपक्ष इन मुद्दों को दे रहा तूल

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का राजनीतिक प्रभाव क्या होगा, यह भविष्य तय करेगा। मगर, इसमें संभवत: किसी भी दल को संदेह नहीं है कि पाकिस्तान और उसके संरक्षण में पल रहे आतंकियों पर प्रहार कर भारतीय सेनाओं ने जोश-जुनून और भावनाओं का ऐसा ज्वार उठा दिया है, जिसमें सारा देश डूबा दिखाई दे रहा है। इसके सहारे राष्ट्रवाद की लहर उठी है तो लहरकाट के प्रयासों में लगा विपक्ष सीजफायर में अमेरिकी हस्तक्षेप जैसे मुद्दों को तूल देना चाहता है।

    निस्संदेह अन्य दलों की तरह इन परिस्थितियों से निपटने के लिए अन्य पार्टियों की तरह भाजपा संगठन की भी तैयारी है, लेकिन इस पूरे ऑपरेशन की कमान संभालने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी नहीं चाहते कि इस सफल सैन्य अभियान की सफलता पर भ्रामक प्रहार कर विपक्ष जनता को गुमराह कर पाए। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए सरकार की ओर से तैयारी कर ली गई है। 24 मई को नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी करेंगे।

    ये लोग बैठक में हैं आमंत्रित

    इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और सदस्य आमंत्रित हैं। एजेंडा अभी सार्वजनिक नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि इसमें 2047 तक विकसित भारत बनाने के मोदी सरकार के संकल्प में राज्यों की साझा भूमिका सहित खास तौर पर ग्रामीण विकास की उपलब्धियों पर चर्चा संभावित है। इसके माध्यम से सरकार संदेश देगी कि सरकार सहकारी संघवाद के सिद्धांत पर चलते हुए देश के समग्र विकास के ध्येय पर चल रही है।

    इसके इतर सूत्रों का दावा है कि पीएम मोदी 25 मई को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। उस बैठक में विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जानी है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी राजग की सरकारों की कमान संभाल रहे इन नेताओं को बिंदुवार जानकारी देंगे कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य क्या था और भारतीय सेनाओं ने उसे कैसे सफलतापूर्वक प्राप्त किया।

    पीओके वापस लेना सरकार के एजेंडे में शामिल

    सरकार चाहती है कि जनता के बीच सीजफायर को लेकर कोई भ्रम पैदा न किया जा सके। यह संदेश देने का प्रयास भी किया जा सकता है कि भारत की लड़ाई आतंकवाद के विरुद्ध है और उसका निरंतर मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। साथ ही पीओके वापस लेना भी सरकार के एजेंडे में है, लेकिन युद्ध को लेकर अतिरेक की जिस भावना को कुछ विपक्षी दल उकसाना चाहते हैं, वह किसी भी राष्ट्र के विकास के लक्ष्यों को प्रभावित कर सकती है। ध्यान रहे कि पीएम की इस प्रस्तावित बैठक को लेकर सरकार की ओर से कोई अधिकृत जानकारी अभी नहीं दी गई है, लेकिन कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ही ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एनडीए के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम की प्रस्तावित बैठक का दावा कर इस पर आपत्ति जताई है।

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