पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर आते थे हमास के नेता, तस्करी से इकट्ठा किए थे हथियार; भारत ने एयरस्ट्राइक कर किया तबाह
आत्मघाती हमलों के लिए प्रशिक्षित किए गए लोगों में मसूद अजहर के करीबी रिश्तेदार खासतौर पर उसका भतीजा तल्लाह रशीद साथ ही उस्मान उमर और मोहम्मद इस्माइल उर्फ लंबू शामिल थे। ऐसी रिपोर्ट हैं कि इन प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षित किए जाने के बाद लोगों को हथियार प्रशिक्षण के लिए बालाकोट भेजा गया था।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के दो केंद्र- इसका बहावलपुर स्थित मुख्यालय और पाकिस्तानी पंजाब स्थित नरोवाल आत्मघाती हमलावर तैयार करने वाले अड्डों के रूप में काम करते थे।
इनके न केवल फलस्तीनी संगठन हमास से संबंध थे, बल्कि ये अफगानिस्तान से तस्करी करके लाए गए उत्तर अटलांटिक संधि (नाटो) बलों के हथियारों के भंडारण केंद्र के रूप में काम करते थे।
15 एकड़ में फैला मुख्यालय
अधिकारियों के अनुसार, 15 एकड़ में फैला जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर केंद्र का संचालन अब्दुल रउफ असगर द्वारा किया जाता था। इस इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर और उसके परिवार के अन्य सदस्यों के आवास हैं। बहावलपुर केंद्र अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों द्वारा छोड़े गए हथियारों और गोला-बारूद को जमा करने के लिए कुख्यात है।
इस केंद्र में अक्सर जैश के वे कमांडर आते-जाते रहते हैं, जो अफगानिस्तान में लड़ रहे थे। उन्होंने कहा कि असगर खैबर पख्तूनख्वा में सक्रिय अपराधियों के एक गिरोह के माध्यम से एम-4 श्रृंखला की राइफलों सहित अन्य हथियारों की खेप की खरीद करने और इनकी तस्करी करने में शामिल रहा था।
हमास समूह से युद्धक रणनीति सीखते थे आतंकी
- इन हथियारों और गोला-बारूद में एम-4 श्रृंखला की राइफलों के अलावा स्नाइपर राइफलें, कवच-भेदी गोलियां, नाइट विजन डिवाइस (एनवीडी) और एनवीडी से सुसज्जित राइफलें शामिल थीं।नरोवाल स्थित केंद्र के बारे में अधिकारियों ने कहा कि इसका इस्तेमाल फलस्तीनी हमास समूह से युद्धक रणनीति सीखने के लिए किया जाता रहा है।
- हमास की संलिप्तता 2014 में तब शुरू हुई थी जब जैश के एक आतंकी मोहम्मद अदनान अली (कोड नाम- डॉक्टर, ने दूसरे समूह खालिस्तान टाइगर फोर्स के सदस्य रमनदीप सिंह उर्फ गोल्डी को थाईलैंड में 'पैराग्लाइडिंग' का प्रशिक्षण दिया था। यह प्रशिक्षण भारत निर्वासित किए गए जगतार सिंह तारा और उसके साथियों जसविंदर सिंह जस्सा और मोहम्मद उमर गोंडल ने भी दिया था।
- अधिकारियों ने कहा कि घुसपैठ के लिए सुरंगों के इस्तेमाल और 'पैराग्लाइडिंग' की रणनीति हमास द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली से प्रेरित लगती है। उन्होंने कहा कि जैश के आतंकियों और हमास के नेताओं के बीच नियमित बातचीत के बारे में कई गोपनीय जानकारी मिली हैं।
शीर्ष आतंकी ने निकाली थी रैली
इस वर्ष फरवरी में हमास के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने गुलाम जम्मू-कश्मीर के रावलकोट में 'कश्मीर एकजुटता दिवस' पर एक रैली को संबोधित किया था, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष आतंकी शामिल हुए थे। रैली को हमास के प्रवक्ता खालिद कद्दौमी ने संबोधित किया था जिसे भारतीय एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में जेहादी अभियान को कश्मीर में फलस्तीनी लड़ाई से जोड़ने के प्रयास के रूप में देखा।
बहावलपुर और नरोवाल स्थित अड्डों ने भारत में कई आत्मघाती हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकियों को तैयार किया है। इन हमलों में 2016 में पठानकोट स्थित वायुसेना अड्डे समेत 2020 में नगरोटा पर किया गया हमला शामिल है।
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